उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के चार एक्सप्रेवे (UP Expressway) पर ई-चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर आगे कदम बढ़ा रही है. ग्रीन मोबिलिटी सेक्टर में सरकार ने राज्य के चार एक्सप्रेसवे में 26 ई-चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क तैयार करने का प्लान बनाया है. इसके प्रोजेक्ट के लिए यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) द्वारा प्राइवेट कंपनियों के बोलियां भी आमंत्रित कर दी गई हैं, जिसमें 11 दिग्गज कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. इस प्रोजेक्ट को पाने की रेस में शामिल कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) की फर्म भी है.
इन 4 एक्सप्रेसवे पर बनेंगे चार्जिंग स्टेशन
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड, पूर्वांचल, आगरा-लखनऊ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ई-चार्जिंग स्टेशनों से जुड़े एक ग्रीन मोबिलिटी प्रोजेक्ट (Green Mobility Project) को हासिल करने के लिए कई कंपनियां मैदान में हैं. इनमें मुकेश अंबानी की रिलायंस और अडानी ग्रुप की अडानी टोटल एनर्जी भी शामिल है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं और इसके लिए एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है.
प्रोजेक्ट हासिल करने की दौड़ में ये कंपनियां
नोडल एजेंसी यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) द्वारा राज्य के इन चारों एक्सप्रेसवे पर 26 ई-चार्जिंग स्टेशनों (E-Charging Stations) का नेटवर्क बनाने के प्रोजेक्ट के लिए निजी कंपनियों से बोलियां मांगी हैं और गवर्नमेंट ऑफिशियल के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि रिलायंस और अडानी-टोटल एनर्जीज के अलावा जीएमआर एनर्जी, बी-इलेक्ट्रिक, लाइटजिप टेक्नोलॉजीज, ईवी प्लेक्सस और सीमेंस जैसी बड़ी कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया है.
6 महीने में शुरू करना होगा ऑपरेशन
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) द्वारा प्रस्तावित एक्सप्रेसवे ई-चार्जिंग स्टेशनों में सार्वजनिक सुविधाओं के साथ ही वेंडिंग जोन्स भी मौजूद होंगे. इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य सरकार बोली जीतने वाली कंपनी को 10 साल के लिए लीज पर जमीन भी उपलब्ध कराएगी. रिपोर्ट के मुताबिक, बोली जीतने और जमीन का चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए जमीन का अलॉटमेंट होने के बाद उस कंपनी को 6 महीने के भीतर ही ऑपरेशंस शुरू करना होगा.
सरकार ने तय किया है ये लक्ष्य
इन एक्सप्रेसवे पर प्रस्तावित ई-चार्जिंग स्टेशनों का संचालन शुरू होने के बाद राज्य सरकार को 5 साल बाद रेवेन्यू का 5 फीसदी हिस्सा मिलेगा. उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मामले में आगे है और देश में कुल EV का लगभग 25 फीसदी हिस्सा यहां है. राज्य सरकार ने साल 2030 तक फुल ई-मोबिलिटी हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन को मजबूत करने के लिए लगातार कदम बढ़ा रही है.