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Happy Birthday Mukesh Ambani : 65 साल के हुए मुकेश अंबानी, खड़ी कर दी देश की सबसे बड़ी कंपनी, एक रुपया कर्जा नहीं

रिलायंस की नींव भले मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी ने रखी हो, लेकिन ये कंपनी आज जिस मुकाम पर है, उसे वहां पहुंचाने का श्रेय Mukesh Ambani को जाता है. आखिर कैसे अंबानी ने इतनी बड़ी कंपनी खड़ी कर दी जिस पर आज एक भी रुपये का कर्ज नहीं है.

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मुकेश अंबानी पिता धीरूभाई के साथ (फाइल फोटो)
मुकेश अंबानी पिता धीरूभाई के साथ (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिता के साथ काफी करीबी रिश्ता
  • 2005 में संभाली कंपनी की बागडोर
  • टेलीकॉम को लेकर बना रहा सपना

देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक Reliance Industries के प्रमुख मुकेश अंबानी का आज 65वां जन्मदिवस है. देश के सबसे अमीर लोगों में शुमार मुकेश अंबानी दुनिया के बड़े धनकुबेरों की सूची में भारत का प्रतिनिधित्व करते दिखते हैं.

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रिलायंस इंडस्ट्रीज को इस नाम की पहचान भले 1985 में मिली हो, लेकिन इसके कारोबार की इस विरासत की नींव मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी ने काफी पहले ही रख दी थी. और आज हम रिलायंस को जिस रूप में देखते हैं उसे वहां पहुंचाने में मुकेश अंबानी का श्रेय बहुत बड़ा है.

2002 के बाद मिली विरासत

मुकेश ने अपने पिता धीरूभाई के साथ 18 साल की आयु में ही काम करना शुरू कर दिया था. इसके लिए उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई भी बीच में छोड़ दी. 1981 में रिलायंस ग्रुप ने पॉलिएस्टर से आगे जाकर पेट्रोलियम और केमिकल सेक्टर में काम करना शुरू किया. इसके बाद कंपनी के दिन बदलने लगे. मुकेश इस पूरी यात्रा में अपने पिता के साथ बने रहे. रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसका मौजूदा नाम 1985 में मिला.

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जब 2002 में धीरूभाई का निधन हुआ तो मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच कारोबार का बंटवारा होना लगभग तय हो गया. साल 2005 में कारोबार के बंटवारे के बाद बड़े बेटे मुकेश को विरासत में रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम मिला, जबकि छोटे भाई अनिल अंबानी ने एक अलग ग्रुप 'रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप' बनाया.

नए सेक्टर में आजमाया हाथ

मुकेश अंबानी साल 2005 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी बने. उसके बाद उन्होंने कई नए सेक्टर में हाथ आजमाया. इसमें सबसे बड़ा फैसला था रिटेल सेक्टर में उतरने का, कंपनी ने रिलायंस फ्रेश स्टोर्ट नाम से इस सेक्टर में काम करना शुरू किया. बाद में इसका दायरा अपैरल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वैलरी तक बढ़ गया. आज रिलायंस रिटेल देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है और हाल में इसने फ्यूचर रिटेल का अधिग्रहण करने के लिए 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया. फिलहाल ये मामला अदालती कार्रवाई में फंसा हुआ है.

बना रहा टेलीकॉम कंपनी का सपना

वर्ष 2005 में दोनों भाइयों के बंटवारे के बाद टेलीकॉम बिजनेस अनिल अंबानी के खाते में गया. लेकिन मुकेश अंबानी हमेशा से टेलीकॉम सेक्टर में काम करना चाहते थे. बंटवारे से पहले इसके लिए जो कंपनी रिलायंस इंफोकॉम बनी थी, उसमें भी 50 फीसदी हिस्सेदारी मुकेश की और 50 फीसदी नीता अंबानी की थी, ये दिखाता है कि इस बिजनेस में उनकी कितनी रुचि थी. हालांकि बंटवारे की शर्तों के मुताबिक जब मुकेश अंबानी के लिए टेलीकॉम सेक्टर में काम करना मुनासिब हुआ, तो उन्होंने Jio Infocom की शुरुआत की. Jio Netork का इस समय बाजार में ये दबदबा है कि देश में सबसे ज्यादा ग्राहक Jio के हैं. 

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Reliance पर नहीं कोई कर्ज

Reliance Industries इस समय देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक तो है ही, साथ ही ऐसी कंपनी भी है जिस पर अब काई कर्ज नहीं है. जुलाई 2020 में कंपनी की एजीएम में मुकेश अंबानी ने रिलायंस के Net Debt Free कंपनी बनने की घोषणा की थी. Net Debt Free का मतलब ये नहीं हुआ कि कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है, बल्कि इसका मतलब ये है कि कंपनी ने कर्ज पर जितना पैसा उठाया हुआ है, उसके पास उतनी वैल्यू की एसेट है.

कंपनी को कर्ज मुक्त बनाने में मुकेश अंबानी की सही समय पर सही निर्णय लेने की नीति काम आई. Facebook, Google के साथ Jio Platforms के लिए डील करना या Rights Issue लेकर आना, ये वो सब कारण बने जिसने कंपनी को कर्ज मुक्त बनाने में मदद की.

वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 17.21 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है.

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