क्विक कॉमर्स एवं लॉजिस्टिक्स कंपनी डंजो (Dunzo) में हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. एक के बाद एक टॉप लेवल के अधिकारी कंपनी छोड़ते जा रहे हैं और दूसरी ओर फंडिंग की कमी चलते कर्मचारियों को सैलरी के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. बीते दो महीनों के भीतर ही कंपनी के को-फाउंडर समेत चार अधिकारियों ने नौकरी छोड़ दी है, जबकि एक और अधिकारी के बाहर जाने की खबर सुर्खियों में है. इस कंपनी में एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस की बड़ी हिस्सेदारी है. इसके साथ ही इसमें गूगल (Google) ने भी निवेश किया है.
रिलायंस के पास 26% हिस्सेदारी
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) समर्थित डंजो की स्थिति हर बीतते दिन के साथ खराब होती जा रही है. इस कंपनी में रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) सबसे बड़ी स्केटहोल्डर है और उसके पास Dunzo में 25.8 फीसदी हिस्सेदारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, फंडिंग की कमी से जूझ रहे इस स्टार्टअप की ओर से रकम जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत का दौर जारी है और रिलायंस भी इसमें मदद कर रही है. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पहले से बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली मुकेश अंबानी की कंपनी ने अपना इन्वेस्टमेंट और बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
अगस्त से जारी इस्तीफों का सिलसिला
Dunzo में हाई प्रोफाइल इस्तीफों की शुरुआत बीते अगस्त महीना शुरू होने के साथ ही हो गई थी. 3 अगस्त 2023 को दो अधिकारियों अश्विन खासगीवाला और राजेंद्र कामथ ने डंजो बोर्ड को छोड़ दिया, दोनों रिलायंस रिटेल की फाइनेंशियल विंग के बड़े पदों पर थे और Dunzo Board में शामिल थे. इसके बाद 21 अगस्त को डंजो में 8 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदार लाइटरॉक इंडिया की पार्टनर वैदेही रवींद्रन ने कंपनी के बोर्ड से बाहर जाने का ऐलान कर दिया. वहीं महीने के आखिर में 29 अगस्त को डंजो के को-फाउंडर (Dunzo Co-Founder) दलवीर सूरी ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया.
एक और को-फाउंडर का इस्तीफा!
अब खबर आ रही है कि 1 सितंबर 2023 को कंपनी के दूसरे को-फाउंडर मुकुंद झा ने भी कंपनी छोड़ दी है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो सकी है. नकदी संकट से जूझ रही कंपनी में दो महीने के भीतर ये पांचवा बड़ा इस्तीफा होगा. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डंजो के प्रवक्ता की ओर से मुकुंद झा के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि वे नेतृत्व टीम का हिस्सा बने रहेंगे. प्रवक्ता के मुताबिक, हम नए अधिकारियों के साथ अपने संगठन को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं और झा इसके भविष्य की रूपरेखा के लिए मार्गदर्शन करेंगे.
अलग हुए कर्मचारियों की सैलरी अटकी
फंडिंग की कमी और नकदी संकट से जूझ रही बेंगलुरु की इस स्टार्टअप कंपनी डंजो (Dunzo) के कर्मचारियों के सामने सैलरी संकट भी गहरा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की ओर से पूर्व कर्मचारियों को बकाया सैलरी पाने के लिए लंबा इंतजार करने के संकेत दे दिए गए हैं. डंजो से जो कर्मचारी अलग हुए हैं, उनका फुल एंड फाइनल पेमेंट अब जनवरी या फरवरी 2024 तक हो सकता है. कंपनी लगातार इस्तीफों के बावजूद 2,00 से 300 करोड़ रुपये जुटाने के लिए निवेशकों से प्रस्ताव हासिल कर रही है.