Mukesh Ambani Retirement Plan: दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) बीस साल से भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की कमान संभाल रहे हैं. साल 2002 में पिता धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) के निधन के बाद भारत के सबसे बड़े कॉरपोरेट घरानों में से एक रिलायंस समूह (Reliance Group) की कमान मुकेश अंबानी के हाथों आई थी. उनकी अगुवाई में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कई उपलब्धियां हासिल की और पारंपरिक बिजनेस से इतर रिटेल (Retail) व टेलीकॉम (Telecom) जैसे सेक्टरों में अच्छी-खासी पैठ बना ली. चूंकि अब मुकेश अंबानी की उम्र 65 साल हो चुकी है, वह अब तीनों बच्चों के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज के कारोबारी साम्राज्य को बांटने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं.
उत्तराधिकार सौंपने की हो गई शुरुआत
मुकेश अंबानी पहले भी सक्सेसन प्लान पर बोल चुके हैं. उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) के जन्मदिन पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम फैमिली डे फंक्शन (Reliance Family Day Function) में पिछले साल इसके साफ संकेत दिए गए थे. मुकेश अंबानी ने कार्यक्रम में कहा था कि अब नई पीढ़ी लीडरशिप की जिम्मेदारियों के लिए तैयार है. हमें उन्हें गाइड करना चाहिए, उन्हें सक्षम बनाना चाहिए और उनका उत्साह बढ़ाना चाहिए. हमें आराम से बैठकर नई पीढ़ी को हमसे बेहतर परफॉर्म करते देखना चाहिए और उनकी सराहना करनी चाहिए. अब इस दिशा में उन्होंने पहल भी कर दी है. मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) के चेयरमैन के पद को छोड़ दिया है और उनकी जगह बड़े बेटे आकाश अंबानी (Akash Ambani) को दी गई है.
आकाश अंबानी को दी गई ये जिम्मेदारी
रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (Reliance Jio Infocom Ltd) ने मंगलवार को शेयर बाजारों (Share Markets) को बताया था कि मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा 27 जून को बाजार बंद होने के बाद से ही मान्य हो गया है. कंपनी ने इसके साथ ही आकाश अंबानी को बोर्ड का चेयरमैन बनाए जाने की भी जानकारी दी थी. ब्राउन यूनिवर्सिटी (Brown University) से अर्थशास्त्र में स्नातक आकाश अंबानी से पहले उनके पिता मुकेश अंबानी रिलायंस जियो के चेयरमैन के नाते काम देख रहे थे. मुकेश अंबानी के चेयरमैन पद से इस्तीफे और आकाश अंबानी की नियुक्ति को नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि मुकेश अंबानी अभी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (Jio Platforms Ltd) के चेयरमैन बने रहेंगे.
तीनों बच्चों को मिलेगा बराबर हिस्सा
पिछले साल अगस्त में पहली बार ऐसी खबरें सामने आई थीं कि मुकेश अंबानी रिटायरमेंट की तैयारी (Mukesh Ambani Succession Plan) कर रहे हैं. बाद में ब्लूमबर्ग ने भी एक खास रिपोर्ट में ऐसी ही जानकारी दी थी. तब कहा जा रहा था कि तेल से लेकर रिटेल तक फैले विशाल कारोबारी साम्राज्य को किस तरह बांटा जाए और किसे क्या जिम्मेदारियां दी जाए, यह तय करने के लिए फैमिली काउंसिल बनाने की योजना है. काउंसिल को ये जिम्मेदारी मिलेगी कि तीनों बच्चों में से हर किसी को बराबर हिस्सेदारी व प्रतिनिधित्व मिले. हालांकि तब रिलायंस ने इन खबरों का खंडन किया था, लेकिन एक दिन पहले के कदम से यही संकेत मिल रहे हैं कि मुकेश अंबानी सही में सक्सेसन प्लान पर न सिर्फ विचार कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने इस पर अमल करना भी शुरू कर दिया है.
अपनी पीढ़ी के विवाद से अंबानी ने ली सबक
मुकेश अंबानी अपने पिता के 2002 में निधन के बाद से रिलायंस इंडस्ट्रीज की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बनने के बाद भारतीय कॉरपोरेट जगत का साबका सबसे बुरे पारिवारिक विवादों में से एक से पड़ा था. मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी (Anil Ambani) के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर लंबा विवाद चला था. इसे लेकर सार्वजनिक बयानबाजियां भी हुई थीं, जिन्हें बाद में मां कोकिलाबेन अंबानी (Kokilaben Ambani) की दखल से सुलटाया जा सका था. मुकेश अंबानी अब नई पीढ़ी को जिम्मा सौंपते वक्त ऐसे किसी भी विवाद की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते हैं.
जानिए तीनों बच्चों में से किसे मिलेगा क्या
बताया जा रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के कारोबारी साम्राज्य को तीन मेजर वर्टिकल में सक्सेसन प्लान के तहत ही बांटा गया है. अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार मुख्य तौर पर तीन वर्टिकल रिफाइनिंग एंड पेट्रोकेमिकल्स (Oil Refining and Petrochemicals), रिटेल (Retail) और डिजिटल सर्विसेज (Digital Services) में बंटा हुआ है. रिटेल और डिजिटल बिजनेस के लिए पहले से ही पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनियां बनी हुई हैं. वहीं पेट्रोकेमिकल व रिफाइनिंग बिजनेस पैरेंट कंपनी के मातहत है. इसके अलावा ग्रीन एनर्जी का नया बिजनेस भी पैरेंट कंपनी के पास है. तीनों वर्टिकल को ऐसे बांटा गया है कि उनकी वैल्यू भी लगभग बराबर है. आकाश अंबानी को डिजिटल वर्टिकल सौंपे जाने की शुरुआत हो चुकी है. ईशा अंबानी (Isha Ambani) को रिटेल वर्टिकल में आगे बढ़ाया जा रहा है. इस तरह अनंत अंबानी (Anant Ambani) के लिए पारंपरिक पेट्रोकेमिकल, रिफाइनरी व ग्रीन एनर्जी वाला वर्टिकल बच जाता है. हालांकि जमीन पर यह प्लान किस तरह अमल में आता है, ये आने वाला वक्त ही बता सकता है.