बेनामी संपत्ति वह संपत्ति होती है, जिसमें असली लाभार्थी वह नहीं होता है, जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गई. अधिकतर मामले में काली कमाई को छुपाने के लिए ये हथकंडे अपनाए जाते हैं. लेकिन जिस दिन इस तरह की संपत्ति का खुलासा होता है, हड़कंप मच जाता है. क्योंकि संपत्ति का असली मालिक फंसने के डर से उसे अपनी संपत्ति मानने से इनकार कर देता है. कुछ इसी तरह के मामले पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में सामने आए थे. जहां गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ था.
बता दें, गुरुवार की शाम उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के माफिया डॉन और मऊ विधानसभा से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मुख्तार अंसारी की अपराध की कुंडली ऐसी थी कि जानकर रोंगटे खड़े हो जाएं, और इस अपराध की आड़ में उसने अकूत दौलत बनाई. मुख्तार अंसारी गैंग के नाम पर करीब 155 एफआईआर दर्ज हैं. उसका खौफ ऐसा था कि बगैर उसके मर्जी के पूर्वांचल में कोई भी ठेका या व्यवसाय कोई दूसरा नहीं कर सकता था.
अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर
तमाम एजेंसियों द्वारा अब तक करीब 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी में से 608 करोड़ की प्रॉपर्टी या तो जब्त की जा चुकी है, या फिर उसे ध्वस्त किया जा चुका है. वहीं मुख्तार के 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा अवैध कारोबार को बंद किया जा चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्तार अंसारी और उसका गिरोह ठेकेदारी, खनन, स्क्रैप, शराब, कोयला कारोबार, रेलवे का ठेका और मछली का अवैध कारोबार चलाता था.
आयकर विभाग ने मई-2023 में बेनामी संपत्ति रोकथाम अधिनियम (PBPPA) के तहत उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की संपत्ति कुर्क की थी.आयकर टीम ने गाजीपुर में करीब 20 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया था. ये संपत्ति मुख्तार अंसारी के करीबी सहयोगी गणेश दत्त मिश्रा के नाम पर था. जांच से पता चला था कि गणेश मिश्रा एक 'बेनामीदार' थे और संपत्ति वास्तव में अंसारी की थी. इसे मामले में मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी को जून-2023 में आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो पेश नहीं हुई थी.
आयकर विभाग के मुताबिक गणेश मिश्रा के नाम पर मुख्तार अंसारी ने कई बेनामी संपत्तियां खरीदी थीं. आयकर विभाग के लगातार छापों में इसका खुलासा हुआ. करीब 120 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति आयकर विभाग के रडार पर थे, जिसपर कानूनी कार्रवाई जारी है. इससे पहले मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्य अंगद राय की 7 करोड़ 17 लाख रुपये की बेनामी संपत्ति को पुलिस ने कुर्क किया था.
मुख्तार गैंग की अवैध और बेनामी संपत्तियों की लगातार पहचान की जा रही है. दरअसल, जैसे-जैसे मुख्तार गैंग के सदस्य गिरफ्तार हो रहे हैं, अवैध संपत्तियों का भी खुलासा हो रहा है. कथित बेनामी संपत्तियों की पहचान करने के लिए आयकर विभाग ने 'ऑपरेशन पैंथर' नाम दिया है.
अवैध कारोबार का हिसाब-किताब
पिछले साल सितंबर में लखनऊ के डालीबाग में एक अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ था, आयकर विभाग की बेनामी विंग ने ऑपरेशन पैंथर के तहत मुख्तार अंसारी की 1.50 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को जब्त किया था. यह रिहायशी भूखंड को गाजीपुर निवासी तनवीर सहर के नाम पर 76 लाख रुपये में खरीदा गया था. लेकिन ये भूखंड पहले मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी के नाम से खरीदा गया था. वर्ष 2010 में इसे मुख्तार ने अपने करीबी गणेश दत्त मिश्रा को हस्तांतरित कर दिया. फिर साल 2020 में इस संपत्ति को गणेश दत्त मिश्रा ने गाजीपुर निवासी तनवीर सहर को बेच दिया था. इससे पहले भी आयकर विभाग ने गाजीपुर में मुख्तार की 1.25 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया था, यह संपत्ति भी गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदी गयी थी.
वहीं पुलिस ने जनवरी 2024 में मुख्तार अंसारी के करीबी अफरोज खान के नाम लखनऊ के मदेयगंज इलाके में संपत्ति कुर्क कर ली थी. अफरोज खान उर्फ चुन्नू ने अपनी पत्नी के नाम से अवैध संपत्ति बनाई थी. कुर्क के समय इस संपत्ति की कीमत करीब 1 करोड़ 45 लाख रुपये आंकी गई थी.
गुर्गों की गिरफ्तारी से खुला अवैध कारोबार का राज
इससे पहले 19 दिसंबर 2023 को सुल्तानपुर में फिरोज अहमद उर्फ जलीश की 7 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी. वह मुख्तार से पहले मुन्ना बजरंगी का करीबी हुआ करता था. मुख्तार गैंग का सदस्य होने के साथ ही फिरोज भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी शामिल था.
इसी कड़ी मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर सिराज अहमद के लखनऊ विकास प्राधिकरण ने दिसंबर-2023 के अंत में कार्रवाई की थी. एफआई हॉस्पिटल और FI टावर पर 24 दिसंबर को बड़ी कार्रवाई करते हुए एलडीए की टीम ने FI हॉस्पिटल को सील कर दिया था. वहीं, दूसरी तरफ अस्पताल के पास बनाए गए 9 मंजिला FI टॉवर के बेसमेंट में बनाई गई दुकानों और दफ्तर को ध्वस्त कर दिया था. इसके साथ ही FI टॉवर के सातवें और आठवें फ्लोर को अवैध घोषित कर दिया था. उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के साले शरजील का 28 लाख बेनामी रुपया 29 दिसंबर को सीज कर दिया था.
हालांकि सैकड़ों करोड़ की संपत्ति अवैध तरीके से जमाकर करने वाले मुख्तार अंसारी ने 2017 में दिए गए चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति महज 21.88 करोड़ रुपये बताई थी. साथ ही देनदारी की बात करें तो कुल 6.91 करोड़ रुपये थी.