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राहुल गांधी का बड़ा हमला- बिना अनुभव अडानी को सरकार ने सौंपे एयरपोर्ट, GVK को दिखाया CBI-ED का डर

अडानी ग्रुप (Adani Group) के गिरते शेयरों के चलते विपक्ष लगातार सरकार पर हमले बोल रहा है. संसद में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया और पूछा कि आखिर अडानी ग्रुप को मुंबई एयरपोर्ट का प्रबंधन कैसे मिल गया?

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राहुल गांधी ने अडानी को लेकर सरकार पर लगाए आरोप.
राहुल गांधी ने अडानी को लेकर सरकार पर लगाए आरोप.

अडानी ग्रुप (Adani Group) को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. संसद में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अडानी ग्रुप को लेकर सरकार पर ताबड़तोड़ कई आरोप लगाए. राहुल गांधी ने संसद में कहा कि मैंने यात्रा की और इस दौरान तमिलनाडु, केरल से लेकर हिमाचल तक हर राज्य में एक ही नाम सुनने को मिला. अडानी, अडानी, अडानी... राहुल ने संसद में अपने भाषण के दौरान अडानी ग्रुप को मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Mumbai International Airport) के मिले प्रबंधन पर भी सवाल उठाए. 

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अडानी के लिए बदले गए नियम

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा बिना अनुभव वाले लोगों को एयरपोर्ट का काम नहीं मिलता है. अडानी से पास अनुभव नहीं था, लेकिन नियम बदलकर उन्हें देश में छह एयरपोर्ट की जिम्मेदारी दे दी गई. राहुल ने कहा कि पहले ये नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट के बिजनेस में नहीं है, तो वो एयरपोर्ट्स को नहीं ले सकता.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रबंधन GVK ग्रुप के पास था. लेकिन सरकार ने GVK ग्रुप को CBI और ED का डर दिखाकर, इसे अडानी ग्रुप को सौंपने के लिए मजबूर कर दिया. बता दें, अगस्त 2021 में अडानी ग्रुप ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रबंधन GVK ग्रुप से अपने हाथों में ले लिया था.

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राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अडानी 2014 में 609वें नंबर से इतने कम समय में दूसरे नंबर तक पहुंच गए. असली मैजिक तब शुरू हुआ जब मोदीजी दिल्ली आए. देश जानना चाहता है कि अडानी का प्रधानमंत्री के साथ कैसा रिश्ता है? 

पिछले साल हुई थी डील

बता दें, अगस्त 2021 में अडानी ग्रुप ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रबंधन GVK ग्रुप से ले लिया था. तब अडानी ग्रुप ने बताया था कि AAHL ने पिछले साल ही मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) में दो और हिस्सेदार से 23.5% की हिस्सेदारी खरीदी थी. ये दो हिस्सेदार दक्षिण अफ्रीका की Bidvest (13.5%) और Airport Company of South Africa (10%) थी. ये सौदा 1,685 करोड़ रुपये का था.

इसके अलावा MIAL में 50 फीसदी हिस्सेदारी GVK Group की थी, जिसे अडानी ग्रुप ने खरीद लिया. इस डील के तहत अडानी ग्रुप ने GVK Group के लगभग 2,500 करोड़ रुपये के कर्ज को भी अपने हाथों में लेने की सहमति जताई थी. इस डील के साथ अडानी समूह की सब्सिडियरी AAHL अब देश की सबसे बड़ी एयरपोर्ट कंपनी बन गई थी.

अडानी ग्रुप ने GMR को पछाड़ा था

देश के प्रमुख एयरपोर्ट का मैनेजमेंट प्राइवेट हाथों में देने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में बिडिंग मंगवाई थी. तब अडानी ग्रुप को अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, मंगलुरू, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम के हवाईअड्डों का मैनेजमेंट और ऑपरेशन मिला था. समूह की 100% हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने GMR जैसे बड़े प्लेयर को पछाड़ते हुए 50 साल के लिए इन एयरपोर्ट को ऑपरेट करने टेंडर हासिल किया था.

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