अडानी समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (MIAL) में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर रही है. इस सौदे के साथ अडानी निजी क्षेत्र की भारत की दूसरी सबसे बड़ी एयरपोर्ट ऑपरेटर हो जाएगी.
अडानी समूह को को पहले ही देश में पीपीपी मॉडल के तहत छह एयरपोर्ट का अधिकार मिला है. अडानी समूह मुंबई एयरपोर्ट (MIAL) में जीवीके समूह की 50.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. इसके अलावा वह इस एयरपोर्ट के अन्य हिस्सेदारों एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका (ACSA) और बिडवेस्ट ग्रुप से भी उनकी क्रमश: 10 फीसदी और 13.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी.
इस तरह इस कंपनी में अडानी सबसे बड़ी शेयरधारक हो जाएगी. गौरतलब है कि देश में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा एयरपोर्ट ऑपरेटर जीएमआर समूह है.
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कितने में हो सकता है सौदा
बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के अनुसार, अडानी समूह इस हिस्सेदारी के लिए 15,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर सकता है. यही नहीं मुंबई में बन रहे दूसरे हवाई अड्डे नवी मुंबई एयरपोर्ट का भी मालिकाना हक अडानी समूह को मिल सकता है, क्योंकि उसमें MIAL की 74 फीसदी हिस्सेदारी है.
पहले से हैं 6 एयरपोर्ट
आत्मनिर्भर अभियान के तहत सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला किया है. अडानी समूह को देश में पीपीपी मॉडल के तहत छह एयरपोर्ट के संचालन, रखरखाव और विकास का अधिकार मिला है. इनमें अहमदाबाद, लखनऊ , मंगलौर, जयपुर, तिरुअनंतपुरम और गुवाहाटी शामिल हैं.
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निजीकरण का विरोध
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के निजीकरण पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने पहले कई बार यह अनुरोध किया था कि इस एयरपोर्ट का संचालन और प्रबंधन एक स्पेशल परपज व्हीकल को सौंपा जाए, जिसमें राज्य सरकार बड़ी हिस्सेदार हो, लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं मानी.