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Mustard Oil Price: फिर महंगा होने लगा है सरसों तेल, फेस्टिव सीजन में और बिगड़ेगा घर का बजट?

खाने वाले तेल (Edible oil) के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. पिछले दिनों सरसों और सूरजमुखी समेत खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी. इस बार सहकारी खरीद एजेंसियों के पास भी सरसों का स्टॉक नहीं है.

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सरसों तेल के दाम में बढ़ोतरी
सरसों तेल के दाम में बढ़ोतरी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • त्योहारी सीजन में हो सकती है सरसों की दिक्कत
  • खरीद एजेंसियों के पास भी नहीं है सरसों का स्टॉक

महंगाई की मार झेल रहे लोगों की जेब पर और बोझ बढ़ सकता है. खाने वाले तेल के दाम (Edible oil Price) एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. पिछले दिनों सरसों (Mustard Oil) और सूरजमुखी समेत खाने वाले अन्य तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी. लेकिन दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली और पामोलीन के भाव में तेजी देखने को मिली है.

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पीटीआई के अनुसार, बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 5.5 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली. वहीं, शिकागो एक्सचेंज में लगभग 1.25 प्रतिशत की मजबूती रही. विदेशी बजारों में आई तेजी के कारण घरेलू बाजार में तेल की कीमतों में उछाल आया है.

कितना महंगा हुआ सरसों तेल

सरसों तेल के रेट (Mustard Oil Rate) की बात करें तो पिछले सप्ताह के मुकाबले इस हफ्ते के पहले दिन सोमवार को ही महंगा हो गया. बीते सप्ताह के आखिरी दिन सरसों कच्ची घानी तेल का भाव 2,405 - 2,510 रुपये पर प्रति टिन (15 किलो) पर बंद हुआ था. वहीं, इस सप्ताह सोमवार को यह 20 रुपये प्रति टिन महंगा होकर 2,425 - 2,530 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ.

इसी तरह सरसों पक्की घानी तेल की कीमतों में भी 20 रुपये प्रति टिन की बढ़ोतरी हुई और यह 2,385-2,465 रुपये प्रति टिन हो गया. पिछले सप्ताह सरसों पक्की घानी तेल का भाव 2,365-2,445 पर बंद हुआ था. सरसों तेल दादरी भी 200 रुपये बढ़कर 15,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.

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आगे हो सकती है परेशानी

पीटीआई के अनुसार, इस बार सहकारी खरीद एजेंसियों के पास भी सरसों का स्टॉक नहीं है. सरसों की अगली फसल आने में अभी लगभग साढ़े आठ महीने की देर है. इस वजह से आगे जाकर त्योहारों के समय सरसों की दिक्कत बढ़ेगी. सरकार को किसानों को प्रोत्साहन देकर तेल तिलहन का उत्पादन बढ़ाने की पहल करनी होगी. शुल्क घटने और बढ़ने से कोई स्थायी समाधान निकलने की संभावाना कम है.

पाम तेल का आयात

भारत ने मई के महीने में 6,60,000 टन पाम तेल का आयात (India Palm Oil Import) किया था. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पाम ऑयल इंपोर्ट (Palm Oil Import) करने वाला देश है. कुछ दिन पहले ही तेल बनाने वाली कंपनियों ने सरसों तेल की कीमतों में कटौती करने का ऐलान किया था. हालांकि, बढ़ती कीमतों को लेकर अभी तक कंपनियों की ओर से किसी भी तरह का बयान नहीं आया है.

भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल आयात करता है. भारत मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से सोया तेल खरीदता है. इसी तरह यूक्रेन और रूस से सूरजमुखी तेल खरीदता है. यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का शिपमेंट फिलहाल बंद हो गया. अब भारत रूस से अधिक आयात करने की कोशिश कर रहा है.

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