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LIC IPO में निवेश के लिए इन बड़े इंवेस्टर्स को न्योता, देश-विदेश के कई फंड शामिल

LIC IPO: लोग बेसब्री से देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी के आईपीओ का वेट कर रहे हैं. इसी बीच हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने इस आईपीओ में इंवेस्ट करने के लिए कई एंकर इंवेस्टर्स से संपर्क किया है.

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LIC देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है
LIC देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरकार ने कई एंकर इंवेस्टर्स को दिया न्योता
  • इस महीने आ सकता है LIC का आईपीओ

LIC IPO Latest Update: देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है. सरकार इस आईपीओ को सफल बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है. सरकार ने दुनिया के कई प्रमुख फंड को LIC IPO में एंकर इंवेस्टर के तौर पर हिस्सा लेने का न्योता दिया है. 

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इन कंपनियों को दिया न्योता

बकौल रिपोर्ट्स, सरकार ने LIC IPO में एंकर इंवेस्टर्स के तौर पर इंवेस्टमेंट के लिए अबू धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (Abu Dhabi Investment Authority), सिंगापुर की GIC, कनाडा के तीन पेंशन फंड और कतर इंवेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ कई सॉवरेन फंड/पेंशन फंड से संपर्क किया है. 

इस महीने के आखिर में आ सकता है आईपीओ

लोग बेसब्री से इस इनिशियल पब्लिक ऑफर का इंतजार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस महीने के आखिर में सरकार देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी का पब्लिक ऑफर ला सकती है. कंपनी के आईपीओ को लेकर दुनिया के कई प्रमुख फंड दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 

एंकर इंवेस्टर्स का चयन 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) के लिए 50-60 एंकर इंवेस्टर्स (LIC Anchor Investors) को चुना गया है. इनमें BlackRock, Sands Capital, Fidelity Investments जैसे फंड्स शामिल हैं.

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LIC का वैल्युएशन

सरकार ने शुरुआती प्रस्ताव में आईपीओ के लिए LIC का वैल्यूएशन 16 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था. सरकार अब LIC का मूल्यांकन 11 लाख करोड़ रुपये के आसपास रखना चाहती है. LIC के मूल्यांकन में इस कमी का लक्ष्य निवेशकों के पास लिक्विडिटी बनाए रखना है. 

लंबे समय से इंतजार कर रहे लोग

LIC के IPO का लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. सरकार ने पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में आईपीओ लाने की पूरी तैयारी भी कर ली थी. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से मार्केट में अनिश्चितता को देखते हुए सरकार ने मार्च महीने में आईपीओ नहीं लाने का फैसला किया था.

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