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पूर्व वित्त सचिव का खुलासा- निर्मला सीतारमण से नहीं थे अच्‍छे संबंध, इसलिए देना पड़ा इस्तीफा

पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अच्छे संबंध नहीं थे.

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पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव ने बड़ा बयान दिया है
पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव ने बड़ा बयान दिया है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जुलाई 2019 में वित्त मंत्रालय से हुआ ट्रांसफर
  • बिजली मंत्रालय में स्थानातंरित किया गया था
  • इसके बाद VRS के लिए आवेदन किया था

पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने वित्‍त मंत्रालय से अचानक इस्‍तीफे पर बड़ा बयान दिया है. उन्‍होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अच्छे संबंध नहीं थे, और यही वजह है कि उन्‍होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले पद से इस्तीफा दिया और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस ली थी. आपको यहां बता दें कि सुभाष चंद्र गर्ग को जुलाई 2019 में वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में स्थानातंरित किया गया था, जिसके बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया था और उन्हें 31 अक्टूबर 2019 को कार्यमुक्त कर दिया गया. 

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सुभाष चंद्र गर्ग ने एक ब्लॉग में लिखा, ‘‘निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के एक महीने के भीतर ही जून 2019 में वित्त मंत्रालय से मेरे स्थानांतरण पर जोर देना शुरू कर दिया. ’’ उन्होंने आगे बताया कि नई वित्त मंत्री के साथ मेरे अच्छे और परिणामदायक संबंध नहीं थे और मैं वित्त मंत्रालय के बाहर कहीं काम करना नहीं चाहता था. यही वजह है कि समय से पहले ही मैंने इस्‍तीफा दे दिया. 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री बनी थीं.

जेटली से थे अच्‍छे संबंध 
इससे पहले वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के साथ सुभाष चंद्र गर्ग के अच्छे संबंध थे, और गर्ग ने अपने ब्लॉग में उनकी तारीफ भी की है. हालांकि, नई वित्त मंत्री के साथ उनका वैसा तालमेल कायम नहीं रह सका. गर्ग ने ब्लॉग में लिखा, ‘‘यह बहुत पहले ही साफ हो गया कि उसके साथ काम करना काफी मुश्किल होने वाला था... वह मेरे प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त थीं.वह मेरे साथ काम करने में सहज नहीं थीं.’’ 

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इन मुद्दों पर हुए मतभेद 
सुभाष चंद्र गर्ग ने आगे कहा कि आरबीआई के आर्थिक पूंजीगत ढांचे, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की समस्याओं के समाधान के लिए पैकेज, आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना और गैर बैंकों के पूंजीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनके साथ गंभीर मतभेद भी सामने आने लगे. उन्होंने आगे कहा, ‘‘जल्द ही हमारे व्यक्तिगत संबंधों में खटास आ गई, और साथ ही आधिकारिक कामकाजी संबंध भी काफी अनुत्पादक हो गए.’’

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गर्ग ने कहा कि ऐसे हालात में उन्होंने काफी पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर सरकार के बाहर व्यापक आर्थिक सुधार के लिए काम करने का फैसला कर लिया था, हालांकि वह पांच जुलाई 2019 को पेश किए जाने वाले आम बजट की तैयारियों तक रुके रहे.

 

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