जेरोधा के फाउंडर नितिन कामथ (Nitin Kamath) ने एक मजेदार किस्सा शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने अपने ही ऑफिस पर रेड (Police Raid on Zerodha Office) डलवाई थी. जेरोधा के हेडक्वाटर (Zerodha Headquarter) पर रेड से कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया और वे रोने लगे थे. जेरोधा के फाउंडर ने कामथ ने बताया कि उन्होंने मजाक में कार्यालय पर छापा मारने और संस्थापकों, नितिन और निखिल पर जालसाजी का आरोप लगाने के लिए नकली पुलिस अधिकारियों (Fake Police Officers) को भेजा था और आधा ऑफिस रोने लगा.
एवलॉन लैब्स के सीईओ और संस्थापक वरुण मैया के 'वनप्लस ओपन कन्वर्सेशन' में बोलते हुए नितिन कामथ (Nitin Kamath) ने कहा कि उन्होंने ऑफिस में मजाक के लिए एक शरारती कदम उठाया था. उन्होंने एक कन्नड़ एक्टर को पुलिस के तौर पर जेरोधा के ऑफिस पर छापा मारने के लिए भेजा. वह सीन पूरा पागलपन भरा था. किसी ने कभी नहीं सोचा होगा कि एक स्टॉर ब्रोकर पुलिस की छापेमारी का एक शरारतपूर्ण हरकत करेगा.
2014 में अपलोड हुआ था ये वीडियो
पुलिस ने कर्मचारियों से कहा कि आपका संस्थापक धोखेबाज है और भाग गया है. इसके बाद आधा ऑफिस रोने लगा था. इस सभी घटना को कैमरे में कैद किया गया था. इसका वीडियो 2014 में अपलोड किया गया था, जिसमें नितिन कामथ कहते हैं कि हमने यह देखने के लिए अपने कार्यालय में एक नकली पुलिस छापा मारा (Fake Police Raid) कि टीम अत्यधिक तनाव पर कैसे रिएक्ट करती है और पूरी तरह से एक मजाक है.
कर्मचारियों ने भी किया विरोध
वीडियो में दिखाई देता है कि अभिनेता एक नकली उच्च न्यायालय के आदेश के साथ आते हैं और कर्मचारियों को घेरना और काम में बाधा डालना शुरू कर देते हैं. इस दौरान कुछ कर्मचारी इस छापेमारी की वजह समझने का प्रयास करते हैं तो कुछ इस छापेमारी का विरोध करते हैं. हालांकि ज्यादातर इसे लेकर तनाव में होते हैं. अंत में नितिन और निखिल कामथ अंदर आते हैं और शरारत का खुलासा करते हैं.
2018 तक सोशल मीडिया पर नहीं थे कामथ
नितिन कामथ ने पॉडकास्ट में बोलते हुए कहा कि मुझे सोशल मीडिया में आने में बहुत देरी हो गई थी. मैंने 2018 में लिंक्डइन और 2019 के आसपास ट्विटर शुरू किया, लेकिन तब तक मैं जेरोधा के सोशल मीडिया को प्रबंधित करने वाला व्यक्ति हुआ करता था. मुझे यह भी एहसास हुआ कि अगर बिजनेस हैंडल से कुछ आता है, तो प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न प्रकार की पहुंच को कम करना शुरू कर देते हैं. हालांकि मुझे पता था कि यूट्यूब पहले से ही सही है. जेरोधा के संस्थापक ने बताया कि कैसे कंपनी का हमेशा कंटेंट पर ध्यान केंद्रित था और अब भी वे इस पर जोर नहीं दे रहे हैं. कामथ ने कहा कि उन्होंने ज़ेरोधा के पहले दिन से ही ब्लॉगिंग शुरू कर दी थी.