नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) का कहना है कि बजट में हर सेक्टर का ध्यान रखा गया है. अभी तुरंत भले परिणाम न दिखे, लेकिन इस बजट में ग्रोथ की कहानी है. आजतक के सहयोगी चैनल इंडिया टुडे की Budget Roundtable कार्यक्रम में अमिताभ कांत ने कहा कि ये बहुत ही प्रगतिशील बजट है, ये पिछले साल के बजट की निरंतरता में है.
उन्होंने बताया कि इस बजट से भारत की लंबे समय तक ग्रोथ होगी. भारत का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.9 फीसदी रहेगा और इसे अगले वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य बहुत मुश्किल नहीं है. जिस तरह से इकोनॉमी में तेजी देखी जा रही है, और कदम उठाए जा रहे हैं. इससे लक्ष्य के तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं.
इकोनॉमी के लिए बेहतरीन बजट
उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं. जिससे सरकार की भी आय बढ़ी है. जीएसटी एक उदाहरण है. इसके अलावा डायरेक्टर टैक्स संग्रह में भी सुधार हुआ है. अमिताभ कांत की मानें तो भारत की वर्तमान आवश्यकता उसका डिजटलीकरण है और उसके पर्यावरण को हरा-भरा रखे जाने की जरूरत है. जिस दिशा में तेजी से काम हो रहा है.
विनिवेश के मुद्दे पर
अगले वित्त वर्ष में 65000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि विनिवेश के जरिये जुटाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि BPCL, SCI, BEML के अलावा दो बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का विनिवेश किया जाएगा. नीति आयोग बहुत पहले ही सिफारिश कर चुका है. इसलिए आगे विनिवेश का लक्ष्य आसान रहने वाला है.
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, जिस तरह से हम इंटरनेट पर बैन नहीं लगा सकते हैं, उसी तरह से क्रिप्टोकरेंसी से भी किनारा करना मुश्किल है. नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि क्रिप्टो को बैन करने के बजाय इसे विनियमित करने का कदम एक अच्छा विकल्प था.
क्रिप्टो बैन संभव नहीं
उन्होंने कहा कि बजट भाषण के मुताबिक क्रिप्टो जैसी वर्चुअली संपत्ति पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, लेकिन इसे एक अन्य परिसंपत्ति वर्ग के रूप में माना जाएगा और कैपिटल गेन पर 30 फीसदी का टैक्स लेगा. यह एक विनियमन के लिए चला गया है, जो क्रिप्टो जैसे नए परिसंपत्ति वर्ग के लिए एक अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीनों में पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.
इसके अलावा उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगले तीन महीने में सरकार बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (Battery Swapping Policy) लेकर आ रही है. दो महीने के अंदर सभी तैयारियां पूरी होने वाली है. पिछले लंबे समय से सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के ऐलान के पीछे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना ही मुख्य मकसद है.
टेस्ला की मांग जायज नहीं
टेस्ला (Tesla) से खींचतान के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार का साफ कहना है कि यहां आकर मैन्यूफैक्चरिंग करे और टैक्स छूट का लाभ उठाएं. अभी टेस्ला चीन में प्रोडक्शन कर रहा है. इसलिए अभी टेस्ला की जो मांग है, उसे पूरा नहीं हो सकते हैं.
नीति आयोग के सीईओ की मानें तो देश में तमाम स्टार्टअप्स बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि OLA के आने से इलेक्ट्रिक स्कूटर मार्केट में एक नया दौर आ गया है. इसके अलावा कृषि में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पैदावार बढ़े हैं और इस बजट में भी इसपर और फोकस दिया गया है.