scorecardresearch
 

GST मुआवजे पर बोले वित्त सचिव- कर्ज का स्तर उचित हो, वर्ना बढ़ेगा ब्याज का बोझ

वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा है कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए कर्ज की मात्रा इसके आर्थिक प्रभाव को देखते हुए उचित रहनी चाहिए.

Advertisement
X
GST मुआवजे पर बड़ा बयान
GST मुआवजे पर बड़ा बयान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय का अहम बयान
  • बोले- यह जरूरी है कि कर्ज का स्तर उचित हो
  • वर्ना देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा

केंद्र सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी की भरपाई के लिए राज्यों को कर्ज दे रही है. इस बीच, वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय का एक अहम बयान आया है. अजय भूषण पांडेय ने कहा कि केंद्र विपक्ष शासित राज्यों से प्रस्तावित ऋण योजना का विकल्प चुनने का आग्रह करता रहेगा. वहीं, राज्यों के कर्ज पर वित्त सचिव ने कहा कि उचित स्तर तक ही पैसे लिए जाएं, वर्ना ब्याज का बोझ बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. 

Advertisement

क्या कहा वित्त सचिव ने

अजय भूषण पांडेय ने कहा, ‘‘जहां तक कर्ज का सवाल है, किसी को भी महत्तम स्तर तक ही कर्ज लेना चाहिए. इसका फैसला अनुच्छेद 292 और 293 के दायरे में होना चाहिए. ’’ संविधान का अनुच्छेद 292 कहता है कि भारत सरकार संसद द्वारा समय-समय तय सीमा के तहत कर्ज जुटा सकती है. वहीं अनुच्छेद 293 कहता है कि राज्य सरकारें सिर्फ आंतरिक स्रोतों से कर्ज जुटा सकती हैं. पांडेय ने कहा कि कर्ज का स्तर उचित होना चाहिए.  

उन्होंने कहा कि यदि कर्ज देने में संतुलित रुख नहीं अपनाया जाता है, तो ब्याज का बोझ बढ़ेगा, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.  पांडेय ने कहा, ‘‘यही वजह है कि एफआरबीएम के तहत तीन प्रतिशत की सीमा तय की गई है. कुछ शर्तों के साथ इसे पांच प्रतिशत किया जा सकता है. यदि इन सीमाओं के पीछे कोई वजह नहीं होती, तो ये सीमाएं नहीं होतीं. चूंकि संविधान के तहत संतुलित रुख अपनाने की जरूरत है, इस वजह से वहां अनुच्छेद 292-293 हैं. ’’

Advertisement

इसे देखें: आजतक LIVE TV 

उन्होंने कहा कि पूरा मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन इस समय उसके एक हिस्से के बराबर कर्ज लिया जा सकता है. बता दें कि केंद्र ने रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई विशेष सुविधा के तहत बाजार से कर्ज लेकर 16 राज्यों और तीन संघ शासित प्रदेशों को दो किस्तों में 12,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं. 

 

Advertisement
Advertisement