महंगाई का असर अब वेज थाली पर भी दिखने लगा है. क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में वेज थाली 4% महंगी हो चुकी है. पिछले साल जिस थाली के लिए लोगों को 25.4 रुपये देने पड़ते थे, अब उसी थाली पर 27.4 रुपये खर्च करने होंगे. हालांकि नॉन वेज थाली 4% सस्ती हुई है. अब इसकी कीमत 58.9 से घटकर 56.3 रुपये हो गई है.
किन वजहों से महंगी हुई वेज थाली
दाल, आलू और प्याज की लगातार बढ़ती कीमतों ने लोगों के जायके पर असर डाला है. प्रोटीन और कई विटामिन की अच्छी स्रोत कहे जाने वाली दाल की कीमत लगातार आसमान छू रही है. दिल्ली में अरहर दाल की कीमत में इस महीने लगभग 14 रुपये का इजाफा हुआ और इसकी 170 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई.
वहीं प्याज की फसल भी इस बार मौसम की भेंट चढ़ गई. उत्पादन कम हुआ तो इसका असर बाजार में भी दिखने लगा और इस साल फरवरी के महीने में कीमतों में अचानक 40% तक वृद्धि हो गई. पिछले दो दिनों में भी इसकी कीमतों में 3 से 4 रुपये का इजाफा हुआ है.
आलू के साथ भी यही रहा, पैदावार कम हुआ तो उसका असर मार्केट पर भी पड़ा. और इसकी कीमत बढ़कर दिल्ली में 28 रुपये प्रति किलो हो गया है. इसके अलावा इस साल चुनाव है तो सरकार ने अपना चुनावी वादा पूरा करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर चावल को खरीदा. इसके अलावा इस वर्ष चावल के पैदावार में 4% की कमी आई है. कीमतें बढ़ने का एक कारण ये भी रहा.
सस्ती हुई नॉनवेज थाली
फरवरी- 2024 में मुर्गियों में फैले बर्ड- फ्लू जैसी बीमारी की वजह से लोगों ने चिकेन को खरीदना कम कर दिया था. जिस वजह से इसके दामों में 12% तक की कमी आ गई. इसी वजह से इन थालियों की कीमत कम हो गई. वैसे तो इसका ज्यादा प्रभाव दक्षिण भारत के राज्यों रहा जहां 190 रुपये प्रति किलो बिकने वाला चिकेन 100 रुपये प्रति किलो पर आ गया. हालांकि मार्च के महीने में जब मांग बढ़ी तब इसकी कीमतों में 3% का इजाफा हो गया.
वेज और नॉन वेज थाली में जो एक अंतर है वो ये कि नॉन वेज में दाल की जगह चिकेन होता है, बाकी चावल, टमाटर, आलू ये सब इन दोनों थालियों में समान होता है. क्रिसिल के चेयर मैन पुशन शर्मा का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में हरी सब्जियों के दामों में इजाफा हो सकता है.