नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna)के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है. ये चार्जशीट एनएसई को-लोकेशन मामले में दाखिल की गई है. चार्जशीट में एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम का भी नाम है.
मार्च में हुई चित्रा की गिरफ्तारी
सीबीआई ने को-लोकेशन मामले में चित्रा रामकृष्ण की गिरफ्तारी 6 मार्च 2022 को की थी. जबकि आनंद सुब्रमण्यम के पहले ही 25 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया जा चुका था. एनएसई को-लोकेशन मामले में ये चार्जशीट सीबीआई स्पेशल कोर्ट में दायर की गई है. लंबी जांच के बाद सीबीआई इस मामले में दोनों की गिरफ्तारी कर चुकी है.
चित्रा ने किया पद का दुरुपयोग
सीबीआई ने इससे पहले खुलासा किया था कि आनंद सुब्रमण्यम की एनएसई के ग्रुप ऑपरेटिंग अफसर के तौर पर नियुक्ति को लेकर चित्रा रामकृष्ण ने अपने पद का दुरुपयोग किया था. उन्होंने स्टॉक एक्सचेंज के बोर्ड और NRC की अनुमति के बिना ही आनंद सुब्रमण्यम को ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर से पदोन्नति देकर मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया था.
को-लोकेशन मामले में 2018 की FIR
सीबीआई ने जिस एनएसई को-लोकेशन मामले में चार्जशीट दायर की है, उस मामले में पहली एफआईआर साल 2018 में दर्ज की गई थी. इसमें भारतीय दंड विधान की धारा-204 (दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को नष्ट करना) और धारा-120B (षड्यंत्र रचना) के साथ-साथ आईटी एक्ट और भ्रष्टाचार रोधी कानून की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
क्या है को-लोकेशन मामला
को-लोकेशन असल में एनएसई की एक सर्विस है. इसके तहत ब्रोकर्स अपने सर्वर को एनएसई के ही परिसर में रख सकते हैं. इससे उन्हें शेयर बाजार के अपडेट तेजी से मिलने में मदद होती है. लेकिन जब जांच एजेंसियों को इस सर्विस के माध्यम से घोटाले की जानकारी मिली, तो उन्होंने लंबी जांच में पाया कि कुछ ब्रोकर ने एल्गोरिदम से छेड़छाड़ की है और इससे करोड़ों का मुनाफा कमाया है.
'अदृश्य योगी' के इशारे पर चलने वाली चित्रा
चित्रा रामकृष्ण का नाम हाल-फिलहाल काफी सुर्खियों में रहा था. इसकी वजह सेबी की एक रिपोर्ट में ये खुलासा होना कि वह NSE के रोजमर्रा के कामकाज के लिए किसी 'अदृश्य योगी' से सलाह-मशविरा करती थीं. इस योगी के इशारे पर ही उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति की थी और 'अदृश्य योगी' के साथ सारी चर्चा एक ई-मेल आईडी के माध्यम से होती थी. बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में आनंद सुब्रमण्यम के ही 'अदृश्य योगी' होने की बात पता चलने की जानकारी दी थी.
ये भी पढ़ें: