चीन के एक ऐप के आते ही अमेरिका में कोहराम मच हुआ है. अमेरिका की बड़ी-बड़ी कंपनियां परेशान हैं. खासकर टेक कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. अमेरिकी दिग्गज कंपनी NVIDIA के शेयर 20% तक टूट गए, जिस कारण मार्केट कैप को 600 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. इतना ही नहीं ChatGPT, OpenAI जैसी अमेरिकी AI प्लेटफॉर्म की भी हवा निकल चुकी है.
क्या है DeepSeek और क्यों हुआ इतना पॉपुलर?
दरअसल, चीन ने कुछ दिन पहले ही एक AI मॉडल लॉन्च किया है, जिससे के आते यह हफ्ते भर में दुनिया का सबसे ज्यादा पॉपुलर ऐप बन चुका है. यह AI मॉडल DeepSeek R1 है, जिसे चीनी स्टार्टअप ने बनाया है और ये ChatGPT के मुकाबले ज्यादा पॉपुलर हो चुका है. यह पूरी तरह से फ्री है, जिससे कोई भी फीचर्स यूज करने पर आपको पैसे देने की जरूरत नहीं होगी. जबकि चैटजीपीटी और अन्य AI प्लेटफॉर्म को यूज करने पर पैसे देने पड़ते हैं. यही कारण है कि यह मोस्ट डाउनलोडेड ऐप हो चुका है.
अभी रजिस्ट्रेशन बंद
DeepSeek अमेरिका में गूगल प्ले स्टोर में भी ये टॉप रेटेड फ्री ऐप बन चुका है. DeepSeek ने कहा है कि कंपनी पर लार्ज स्केल मलेशियस अटैक हुए हैं. जिस कारण इसका रजिस्ट्रेशन अभी बंद है.
अमेरिकी कंपनी के डूबे 600 अरब डॉलर
चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) DeepSeek को लेकर चिंताओं के कारण पिछले दो सेशन में NVIDIA कॉर्पोरेशन के शेयरों में 19.98% की गिरावट आई है. सोमवार को नैस्डैक पर Nvidia का शेयर 16.86% गिरकर $118.58 पर बंद हुआ था. शुक्रवार को शेयर 3.12% गिरकर $142.62 पर आ गया. सोमवार को शेयर $124.80 पर खुला और इंट्राडे में $116.70 प्रति शेयर के निचले स्तर को छू गया. जिस कारण अमेरिका की सबसे बड़ी टेक कंपनी के मार्केट कैप में 600 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ.
रिलायंस जैसी 3 कंपनियों के मार्केट कैप स्वाहा
NVIDIA की कंपनी को एक दिन में 600 अरब डॉलर नुकसान होने का मतलब 50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होना है. भारत के रिलायंस इंडस्ट्रीज से इसकी तुलना करें तो अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 17 लाख करोड़ रुपये है. ऐसे में देखा जाए तो एक दिन में रिलायंस जैसी 3 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन '0' हो गया.
क्यों इतना गिरे अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयर?
DeepSeek R1 एक ऐसा एआई मॉडल है, जिसे ChatGPT, ओपेनएआई और Meta के बड़े कंपीटीटर के तौर पर देखा जा रहा है. DeepSeek R1 चैटजीपीटी और अन्य एआई मॉडल जितना ही शक्तिशाली है, लेकिन इसके लिए बहुत कम कंप्यूटिंग पॉवर की जरूरत पड़ती है. इसे एक इनोवेशन के तौर पर देखा जा रहा है, जो एआई की दुनिया में क्रांति ला सकता है. चूकि यह पूरी तरह से फ्री है, इसलिए बड़ी-बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियों डरी हुई हैं. जिस कारण इसका असर शेयरों पर दिखाई दे रहा है.
ट्रंप भी हुए परेशान!
DeepSeek R1 के आने की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी परेशान दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि अमेरिकी एआई कंपनियों को AI को लेकर और रिसर्च करने की आवश्यकता है. ट्रंप ने कहा है कि, जिस तरह से यह चीनी एआई ऐप तेजी के साथ पॉपुलर हो रहा है, इसे देखकर अमेरिकी टेक कंपनियों की आंखें खुल जानी चाहिए. हमें ज्यादा फोकस करने की जरूरत है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, उन्हें अभी भी आशा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में अमेरिकी टेक कंपनियों का प्रभाव रहेगा, लेकिन वह देख रहे हैं कि, यह चाइनीज ऐप भी चुनौती दे रहा है.