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Pakistan Inflation: 400 रुपये में 12 अंडे... 250 रुपये किलो प्याज, चुनाव से पहले पाकिस्तान में महंगाई का कोहराम

Pakistan Inflation : आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई की ये तब है, जबकि IMF ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की दो किस्तें मंजूर की हैं. इसके तहत 1.2 अरब डॉलर की शुरुआती किस्‍त जुलाई 2023 में जारी की गई थी, जबकि अब 70 करोड़ डॉलर की दूसरी किस्त को भी मंजूरी दे दी गई है.

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इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है पाकिस्तान
इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है पाकिस्तान

अपने इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लेकर तमाम जगहों से मदद मिली है, लेकिन बावजूद इसके देश के हालात जस के तस बने हुए हैं. महंगाई (Inflation) का आलम ये है कि लोगों की प्लेट से चिकन तो छोड़िये, अंडे तक गायब हो रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के लाहौर में 12 अंडों की कीमत (Pakistan Egg Price) 400 रुपये तक पहुंच गई है. 

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अंडे और प्याज ने बढ़ाई मुश्किल
पाकिस्तानी न्यूज एजेंसी एआरवाई की रिपोर्ट के मुताबिक, Pakistan में आने वाले महीने में चुनाव होने वाले हैं, लेकिन महंगाई का कोहराम लगातार जारी है. जिससे ना केवल देश, बल्कि यहां के लोगों का हाल बेहाल होता जा रहा है. इसमें कहा गया है कि 15 जनवरी को लाहौर में एक दर्जन अंडों की कीमत 400 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई. सिर्फ अंडे ही नहीं बल्कि प्याज भी पाकिस्तानियों के आंसू निकाल रही है. पाकिस्तान में Onion Price 230 से 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जबकि सरकार ने इसके लिए 175 रुपये प्रति किलो का भाव निर्धारित किया है. 

615 रुपये किलो बिक रहा है चिकन
अंडे और प्याज ही नहीं, पाकिस्तान में चिकन की कीमतें भी आसमान पर बनी हुई हैं और ये कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रिपोर्ट की मानें तो लाहौर में एक किलो चिकन 615 रुपये में मिल रहा है. इसके अलावा देश के लोग रोजमर्रा के सामनों से लेकर खाने-पीने की चीजों पर महंगाई की मार लगातार झेल रहे हैं. यहां पर दूध 213 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है, तो वहीं चावल 328 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. फलों की बात करें तो एक किलो सेव का दाम 273 रुपये तक पहुंच गया है, तो वहीं टमाटर 200 रुपये प्रति किलो कर बिक रहा है. 

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जमाखोरी रोकने के निर्देशों का असर नहीं
ARY के मुताबिक, बीते महीने देश की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने राष्ट्रीय मूल्य निगरानी समिति (NPMC) को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी को रोकने के लिए उपाय करने के लिए प्रांतीय सरकारों के साथ मिलकर समन्वय रखने के दिशा-निर्देश दिए थे. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय (Pakistan Finance Ministry) की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस बैठक की अध्यक्षता कार्यवाहक संघीय वित्त, राजस्व और आर्थिक मामलों के मंत्री डॉ. शमशाद अख्तर ने की थी. 

आर्थिक मदद के बाद भी काबू से बाहर महंगाई
गौरतलब है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economy) पिछले कई सालों से तेज गिरावट का सामना कर रही है और काबू से बाहर महंगाई ने खासकर गरीब जनता का हाल बेहाल कर दिया है औऱ इनका गुजारा तक मुश्किल हो रहा है. दूसरी ओर देश में नकदी संकट लगातार बढ़ रहा है. पाकिस्तान की ये स्थिति ऐेसे समय में है, जबकि आईएमएफ ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की दो किस्तें मंजूर की हैं. इसके तहत IMF की ओर से 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर की शुरुआती किस्‍त जुलाई 2023 में जारी की गई थी, जबकि अब 70 करोड़ डॉलर की दूसरी किस्त को भी मंजूरी दे दी गई है. 

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