कंगाली की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान (Pakistan) में हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. महंगाई के कोहराम से देश की जनता पहले ही पस्त है और अब सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान ने उन्हें एक और बड़ा झटका दिया है. दरअसल, आर्थिक संकट ( Economic Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तानमें लोन की ब्याज दरों में 100 बेसिस प्लाइंट का इजाफा किया गया है.
अब बढ़कर 22% पर पहुंची ब्याज दर
सोमवार को पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने इमरजेंसी बैठक बुलाकार अचानक पॉलिसी रेट्स में 100 बेसिस प्वाइंट या 1 फीसदी की बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया. केंद्रीय बैंक के इस फैसले के बाद ब्याज दर पहले के 21 फीसदी से बढ़कर अब 22 फीसदी पर पहुंच गई है. बीते अप्रैल महीने में ही बैंक ने ब्याज दरों में इजाफा किया था. लेकिन महंगाई दर कम होने के बजाय और भी तेजी से नए उच्च स्तर पर पहुंचती जा रही है. ऐसे में एक बार फिर पहले से महंगाई की मार से बेहाल जनता पर बोझ बढ़ाया गया है.
38 फीसदी के शिखर पर महंगाई
पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है और देश का सरकारी खजाना लगभग खाली हो चुका है. जरूरी सामानों का आयात करने के लिए भी देश के खजाने में पैसे नहीं बचे हैं, ऐसे में आटा से लेकर सब्जी और अन्य जरूरी सामनों के लिए जनता तरस रही है. पेट भरने के लिए लोग जान पर खेलने को मजबूर हैं, जिसकी फोटो और वीडियो आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं. पाकिस्तान में महंगाई का आंकड़ा एशिया में सबसे ज्यादा है और ऐसा लगातार दूसरे महीने देखने को मिला है.
पाकिस्तान स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो के मुताबिक, मई 2023 में पाकिस्तान में महंगाई दर 37.97 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई. देश की शहबाज शरीफ सरकार की इस महंगाई पर लगाम लगाने के तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. यही कारण है पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक को एक के बाद एक ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ रह है. बीते साल अप्रैल 2022 के बाद से अब तक देश में पॉलिसी रेट्स में 12.25 फीसदी का इजाफा किया जा चुका है.
महंगाई की मार और कर्ज का बोझ
दिवालिया होने के बिल्कुल करीब पहुंच चुके पाकिस्तान पर जहां महंगाई की मार पड़ रही है, तो उस पर विदेशी कर्ज का बोझ भी लगातार बढ़ता जा रहा है, जो आर्थिक संकट के बीच सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बन गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज ले चुका है. देश के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी करीब 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक है. इसमें करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है.
IMF ने पाकिस्तान से मुंह फेरा
पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने में मदद करने और उसे दिवालिया होने से बचाने के लिए आर्थिक मदद की बेहद जरूरत है. इसके लिए शहबाज शरीफ सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1.1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज रिलीज करने की गुहार लगा रहा है, लेकिन अभी तक आईएमएफ ने इसे मंजूरी नहीं दी है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) बीते 16 जून 2023 को घटकर 3.5 अरब डॉलर रह गया है. इससे पिछले हफ्ते ये 4.02 अरब डॉलर था, यानी इसमें 482 मिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई है.