पाकिस्तान (Pakistan Crisis) का हाल बेहाल है. देश की अर्थव्यवस्था अपने बुरे दौर से गुजर रही है. विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिरता जा रहा है. वहां ठीक वैसे ही हालात नजर आ रहे हैं, जैसे पिछले साल श्रीलंका (Sri Lanka) में दिखाई दिए थे. बदहाल पाकिस्तान में कंपनियों का भी हाल बुरा है और टाटा (Tata) ब्रांड लेकर लेकर कई उन फर्मों पर भी इसका असर पड़ रहा है, जो भारत से संबंधित हैं. ऐसे में बड़ा सवाल इन कंपनियों का आखिर क्या होगा?
Pakistan में भी Tata का नाम
टाटा (Tata) का नाम भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी Pakistan में भी गूंजता है. देश में टाटा पाकिस्तान कॉरपोरेट सेक्टर का एक बड़ा नाम है. टेक्सटाइल बिजनेस से जुड़ी ये कंपनी पाकिस्तान में टाटा ब्रांड का परचम लहरा रही है. साल 1991 में टाटा टेक्सटाइल मिल्स लिमिटेड (Tata Textile Mils Limited), मुजफ्फरगढ़-पंजाब में सूती धागे के निर्माण की पहली यूनिट स्थापित हुई थी. इसके बाद तो कंपनी का कारोबार इस कदर बढ़ा कि टाटा कताई उद्योग में धागे का मानक बन गया.
टाटा टेक्सटाइल मिल्स लिमिटेड की शुरुआत के बाद साल 1997 में कंपनी ने पाकिस्तान में पहली स्पिनिंग मिल होने के नाते ISO-9002 सर्टिफिकेशन प्राप्त किया था. इसके बाद साल 2004 में यूनिट-2 से उत्पादन शुरू करके कंपनी ने अपने कारोबार को विस्तार दिया. अब पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति में इस कंपनी का अहम योगदान है. लेकिन फिलहाल देश में जो आर्थिक बदहाली का नजारा देखने को मिल रहा है, उससे इस कंपनी के कारोबार पर भी खतरा मंडराने लगा है.
Jindal के कारोबार का पाकिस्तान से नाता
एक समय भारतीय उद्योगपति देश की दूसरी सबसे बड़ी स्टील कंपनी Jindal Steel Works (जेएसडब्लूय) के एमडी सज्जन जिंदल (Sajjan Jindal) का भी पाकिस्तान में बड़ा कारोबार रहा है. गौरतलब है कि भारतीय व्यापारी सज्जन जिंदल और पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के व्यापारिक रिश्ते जगजाहिर रहे हैं. स्टील इंडस्ट्री के अलावा यह ग्रुप एनर्जी सेक्टर में भी सक्रिय है. वहां मौजूद इस ग्रुप के कारोबार पर भी असर पड़ने की संभावना बनी हुई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, Sajjan Jindal के नवाज शरीफ परिवार के इत्तेफाक ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज (Ittefaq Group of Industries) के साथ लंबे व्यापारिक संबंध रहे हैं. यह पंजाब में प्रमुख स्टील निर्माता है. अब नवाज शरीफ के भतीजे उनकी ओर से कारोबार संभाल रहे हैं.
भारत में शुरू इस कंपनी पर भी संकट
Pakistan में भारतीय कंपनियों की बात करें तो रूह अफजा (Rooh Afza) का नाम भी आता है. भले ही अब ये पाकिस्तान में अपना कारोबार कर रही है, लेकिन इसकी शुरुआत भारत से ही हुई थी. इस हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने साल 1906 में गाजियाबाद (Ghaziabad) में इजाद किया था. हकीम हाफिजकी मौत के बाद उनके बेटों अब्दुल हमीद और मोहम्मद सईद ने इस कारोबार को पाकिस्तान में शुरू किया. 1920 में वहां ये बड़ा ब्रांड बन गई. भारत समेत दुनियाभर में फेमस इस नाम पर भी आर्थिक बदहाली का साया मंडराता दिख रहा है.
इन सामानों से जुड़ी भारतीय कंपनियों पर असर
भारत से पाकिस्तान भेजे जाने वाले सामानों पर भी इसका असर हो रहा है. ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंगाल होते पाकिस्तान ने भारत से साल 2021 में करीब 503 मिलियन डॉलर का आयात किया था. इसके मुताबिक, भारत से फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, चीनी, कॉफी-चाय, एल्युमिनियम, प्लास्टिक के सामान पाकिस्तान भेजे गए.
2021 के डाटा पर नजर डालें तो 190 मिलियन डॉलर के फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स, 141 मिलियन डॉलर के ऑर्गेनिक केमिकल्स, 119 मिलियन डॉलर की चीनी, करीब 8 मिलियन डॉलर की कॉफी-चाय समेत दूसरे सामान भेजे थे. ऐसे में पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली भारत से पाक भेजे जाने वाले इन सामानों से जुड़ी भारतीय कंपनियों के कारोबार को प्रभावित कर सकती है और इन कंपनियों को वित्तीय घाटा उठाना पड़ सकता है.
इन भारतीय कंपनियों में पाकिस्तान का पैसा
पिछली रिपोर्ट्स का जिक्र करें तो न केवल पाकिस्तान में कारोबार के लिहाज से भारतीय ब्रांड्स को नुकसान उठाना पड़ सकता है, बल्कि सैकड़ों ऐसी भारतीय कंपनियों के लिए भी संकट खड़ा हो चुका है जिनमें पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी है. भारत की कंपनियों में पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी पर कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट की मानें तो देश की 109 पब्लिक लिस्टेड कंपनियों में पाकिस्तानी लोगों की हिस्सेदारी है.
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 577 कंपनियां हैं, जिनमें पाकिस्तान के लोगों का पैसा लगा है और इनमें से 266 से ज्यादा कंपनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं, जबकि 318 कंपनियां नॉन लिस्टेड हैं. इसके साथ ही विदेशी कंपनियों की भी हालत पतली है, जिनमें Atlas Auto का नाम भी शामिल है, जो होंडा मोटर्स के साथ मिलकार पाकिस्तान ऑटोमोटिव सेक्टर में सबसे बड़ा नाम है.
इन सामानों के निर्यात पर असर
पाकिस्तान के स्टेटिस्टिक्स डिपार्टमेंट के पुराने आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई 2021 से मार्च 2022 तक भारत से पाकिस्तान को होने वाला निर्यात 0.0021 मिलियन डॉलर रहा था, जो इससे पिछले साल 0.0662 मिलियन डॉलर था. भारत से पाकिस्ताम को निर्यात किए जाने वाले सामानों में कच्चे खनिज, मेडिकल और सर्जिकल उपकरण शामिल हैं.