Taliban and Pakistan: अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से ही पाकिस्तानी रुपया लगातार पिटता जा रहा है और डॉलर के मुकाबले यह ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर पहुंच गया है. पाकिस्तान की इकोनॉमी पहले से मुश्किल में चल रही थी, तालिबान की सत्ता के आने से वहां की मुद्रा रुपये की हालत और पतली हुई है.
पाकिस्तानी अखबार द न्यूज के अनुसार, बुधवार को मुद्रा बाजार में पाकिस्तानी रुपये में पूरे 1 रुपये की भारी गिरावट आई और यह डॉलर के मुकाबले 169.9 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया. इस साल 14 मई से अब तक इसमें करीब 18 रुपये की गिरावट आ चुकी है. गुरुवार को भी यह 169 के पार बना हुआ है.
एशिया में सबसे खराब हालत
पूरे एशिया में पाकिस्तानी मुद्रा के प्रदर्शन को सबसे खराब माना जा रहा है. रुपये की इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के वजह को माना जा रहा है, हालांकि इसके लिए कई घरेलू कारक भी जिम्मेदार हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही काफी मुश्किल में चल रही है, इसकी वजह से रुपये की हालत पहले से पतली थी, तालिबान की सत्ता ने कोढ़ में खाज जैसा काम किया है.
एक एक्सपर्ट और Alpha Beta कोर के सीईओ खुर्रम शहजाद ने अखबार को बताया, ' अफगानिस्तान की वजह से रुपये पर अतिरिक्त दबाव आया है. अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के बाहर जाने और वहां तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही रुपये पर दबाव बना हुआ है.'
इकोनॉमी की हालत खस्ता
असल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद वहां अमेरिका सहित कई देशों ने फंड भेजने पर रोक लगा दी है. इससे वहां बड़े पैमाने पर डॉलर पाकिस्तान से भेजा गया है. इसके अलावा पाकिस्तान का बढ़ता खाद्य आयात बिल और निर्यात में आती गिरावट से रुपये पर जोखिम और बढ़ा है. रुपये को लेकर आगे का आउटलुक भी कमजोर है.
अगस्त महीने में पाकिस्तान का व्यापार घाटा 133 फीसदी बढ़कर 4.05 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक State Bank of Pakistan ने अभी तक इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया है.