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ये क्या? पाकिस्तान हो जाएगा अमीर... ब्रिटेन, जापान और जर्मनी को छोड़ देगा पीछे!

Pakistan Economy Forecast : वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान 2075 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की लिस्ट में छठे पायदान पर होगा. रूस, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे बड़े देश भी इससे पीछे रह जाएंगे.

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रूस, ब्रिटेन और जापान से ज्यादा हो जाएगी पाकिस्तान की जीडीपी
रूस, ब्रिटेन और जापान से ज्यादा हो जाएगी पाकिस्तान की जीडीपी

दुनिया में भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के तौर पर उभरा है और कोरोना काल के बाद से ही दुनिया ने देश की रफ्तार की सराहना की है. आने वाले सालों में भी भारत का डंका दुनिया में बजने वाला है और देश दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. World Of Statistics ने दुनिया के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाओं के 2075 तक के अनुमानित आंकड़े जारी किए हैं. इनके मुताबिक, भारत दुनिया की इकोनॉमी दूसरी सबसे बड़ी ताकत बन जाएगी. लेकिन इसमें एक चौंकाने वाला आंकड़ा भी पेश किया गया है, जो दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ा हुआ है. 

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इन बड़े देशों से आगे निकलेगी PAK इकोनॉमी
आंकड़ों के मुताबिक, जहां एक ओर साल 2075 तक भारत दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त बूम देखने को मिलने वाला है. रिपोर्ट में दिए गए अनुमानित आंकड़ों को देखें तो जो देश फिलहाल अपनी जनता को दो वक्त की रोटी देने में भी नाकाम साबित हो रहा है और दूसरे देशों से आर्थिक मदद की गुहार लगाकर दिवालिया होने से बचने के लिए संघर्ष कर रहा है, वो इस अवधि में ब्रिटेन, जापान और जर्मनी जैसे देशों को भी पीछे छोड़ देगा. ये सुनना हैरान करने वाला जरूर है, लेकिन आंकड़े तो यही कह रहे हैं. 

यहां पहुंच सकती है पाकिस्तान की जीडीपी
पाकिस्तान 2075 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की लिस्ट में छठे पायदान पर होगा. रूस, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देश भी इससे पीछे रह जाएंगे. इसमें अनुमान लगाया गया है कि 2075 तक पाकिस्तान की GDP 12.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. जबकि जर्मनी की 8.1 ट्रिलियन डॉलर,  ब्रिटेन (UK) की 7.6 ट्रिलियन डॉलर, जापान की 7.5 ट्रिलियन डॉलर और रूस की जीडीपी 6.9 ट्रिलियन डॉलर रहेगी. बात करें 2075 तक पाकिस्तान के ऊपर रहने वाले देशों की तो चीन, भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और नाइजीरिया शामिल हैं. 

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इससे पहले ब्रोकरेज हाउस Goldman Sachs ने भी अपने एक रिसर्च पेपर में ये अनुमान जाहिर किया था. इसके लिए गोल्डमैन सैक्स ने एक व्यापक आर्थिक मॉडल का इस्तेमाल करते हुए 104 देशों के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान लगाया था. हालांकि, दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना पाकिस्तान के लिए भाग्य में बड़े बदलाव का दर्शाने वाला है, जबकि देश बीते कई दशकों से आर्थिक विकास के साथ संघर्ष करने को मजबूर है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि यह पूर्वानुमान कितना यथार्थवादी है?

आखिर कैसे इतना आगे निकल सकता है पाकिस्तान?
Dawn की एक पूर्व रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का इतिहास सैन्य और नागरिक शासन के बीच बदलता रहा है. प्रत्येक पूर्वानुमान दुनिया की एक अलग स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है, न कि केवल एक ही दुनिया में अलग-अलग परिणामों का. पाकिस्तान के मामले में, सबसे बड़ी अनिश्चितता राजनीतिक, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सभी स्तर पर बरकरार हैं. 1947 में जब पाकिस्तान बना, तो किसी ने भी यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि 25 साल से भी कम समय में यह देश दो टुकड़ों में बंट जाएगा.

वास्तव में 60 के दशक की शुरुआत में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वॉल्ट रोस्टो ने कहा था कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ने के लिए तैयार है. फिर 1965 में भारत के साथ युद्ध हुआ, जिससे राजनीतिक उथल-पुथल मच गई और दूसरा मार्शल लॉ लागू करना पड़ा. फिलहाल की बात करें तो पाकिस्तान में राजनीतिक घमासान के साथ ही अन्य समस्याएं लगातार देखने को मिल रही हैं, जो लंबे समय से बदस्तूर जारी हैं. डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि गोल्डमैन सैक्स की रिसर्च इन अंतर्निहित अनिश्चितताओं को संबोधित नहीं करती है और इसे सावधानी से लिया जाना चाहिए. 

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एक तो कर्ज का भार और दूसरी महंगाई
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) की ओर से पूर्व में जारी किए गए आंकड़ों को देखें तो जनवरी 2023 तक पाकिस्तान का कुल ऋण स्टॉक (Debt Stock) बढ़कर 55 ट्रिलियन रुपये पर पहुंच गया था, जो अब और भी बढ़ गया है. हाल ही में पाकिस्तान के लिए 3 अरब डॉलर के लोन को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मंजूरी दी है. वहीं देश में महंगाई में भले ही कुछ कमी आई है, लेकिन अभी भी ये 25 फीसदी से ऊपर है. इससे पहले अप्रैल और मई महीने में एशिया में सबसे ज्यादा महंगाई दर पाकिस्तान में ही थी. 

भारत बनेगा दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था
अमेरिका के न्यूयॉर्क हेडक्वाटर वाली दिग्गज ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अपडेट रिपोर्ट में भारत को लेकर एक बड़ा अनुमान लगाया है. रिपोर्ट में दावा किया है कि 2075 तक भारत अर्थव्यवस्था रैंकिंग में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. उस समय बेहद कम फासले से केवल चीन आगे रहेगा. गोल्डमैन सैक्स ने बताया कि भारत में टैलेंट, श्रम बल और सबसे ज्यादा कार्य आयु वाली जनसंख्या से इकोनॉमी को आगे बढ़ने में ताकत मिलेगी. गोल्डमैन सैक्स के पूर्वानुमान के अनुसार 1.4 अरब की आबादी के साथ भारत जीडीपी चार्ट में नाटकीय रूप आगे बढ़ सकता है.

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गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया गया है कि 2075 तक अमेरिकी जीडीपी को पीछे छोड़कर भारत की इकोनॉमी 52.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. अनुमान लगाया कि इस दौरान केवल चीन की अर्थव्यवस्था भारत से अधिक होगी, जो 57 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है. जबकि अमेरिकी की जीडीपी 51.5 ट्रिलियन डॉलर रहेगी. ब्रोकरेज फर्म रिसर्च के भारत के अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता की मानें तो अगले दो दशक में भारत का निर्भरता अनुपात क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं में से सबसे कम होगा. उन्होंने बताया कि भारत की आबादी में कामकाजी उम्र की आबादी और बच्चों और बुजुर्गों की संख्या के बीच सबसे अच्छा अनुपात है, जिससे इकोनॉमी को बल मिलेगा.

 

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