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क्या फिर बढ़ेगा Repo Rate? आरबीआई गवर्नर बोले- 'महंगाई से जंग जारी... ब्याज दरों में तेजी रोकना मेरे हाथ में नहीं'

CII के कार्यक्रम में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2,000 रुपये के नोटों को लेकर भी अपडेट किया. उन्होंने कहा कि इन नोटों को वापस लेने के संबंध में कोई बड़ा मुद्दा सामने नहीं आया है. 2,000 रुपये के नोट ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया है और इन्हें बदलने की प्रक्रिया के दौरान बैंकों में कोई भीड़ या अफरा-तफरी नहीं है.

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सीआईआई के सम्मेलन में बोले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास
सीआईआई के सम्मेलन में बोले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

आने वाले दिनों में नीतिगत दरों (Repo Rate) में क्या फिर से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी? हालांकि, महंगाई आरबीआई के तय दायरे में है और बीते अप्रैल में हुई एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया था. रेपो रेट में इजाफे को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने खुले शब्दों में कह दिया है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोकना उनके हाथ में नहीं है. बिजनेस चैंबर सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बड़ी बात कही.  

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'MPC स्थिति देखकर लेती है फैसला' 
बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सम्मेलन में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा, ब्याज दर में वृद्धि को रोकना मेरे हाथ में नहीं है और यह पूरी तरह से परिस्थिति पर निर्भर करेगा. इसे लेकर फैसला MPC स्थिति को देखते हुए लेती है.आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) के अगले आंकड़े में महंगाई दर के घटकर 4.7 फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है. महंगाई को लेकर उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ लड़ाई लगातार जारी है. मई में महंगाई दर (Inflation Rate) अप्रैल के मुकाबले कमजोर रहने की उम्मीद है. आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती का फैसला इकोनॉमी के हालात और आंकड़ों पर निर्भर करेगा.

बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह मजबूत
शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने इस बात को स्वीकार किया कि देश में महंगाई दर नीचे आई है, लेकिन ऐसे समय में लापरवाही की कतई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने देश के बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा जताते हुए कहा कि लिक्विडिटी और कैपिटल की मजबूत स्थिति और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के साथ भारत का बैंकिंग सिस्टम स्थिर और मजबूत बना हुआ है. इस वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए रिजर्व बैंक पूरा समर्थन देगा. सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्वर ने कहा कि आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी 7 फीसदी से ज्यादा रह सकती है.

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'2000 के नोट बदलने में अफरा-तफरी नहीं'
इस बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते 19 मई 2023 को सर्कुलेशन से बाहर किए गए 2,000 रुपये के नोटों को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने के संबंध में कोई बड़ा मुद्दा अब तक सामने नहीं आया है. इस बड़े नोट ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया है और इन्हें बदलने की प्रक्रिया के दौरान बैंकों में कोई भीड़ या अफरा-तफरी नहीं है. दास ने कहा कि इन 2000 रुपये के नोटों को लाने का उद्देश्य पूरा हो चुका है. उन्होंने इंफॉर्मल सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए कहा कि आमतौर पर 2,000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था. 

आर्थिक मंदी को लेकर क्या कहा? 
रिजर्व बैंक के मुताबिक, 2000 रुपये के नोटों की 31 मार्च 2018 तक कुल नोटों में हिस्सेदारी अपने चरम पर थी. उस समय 6.73 लाख करोड़ रुपये के गुलाबी नोट सर्कुलेशन में थे, लेकिन 31 मार्च 2023 कर ये आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया. इन नोटों को बंद करने के बाद जनता की मुद्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का स्टॉक पर्याप्त बना हुआ है.

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कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के वार्षिक सत्र 2023 में शक्तिकांत दास ने ग्लोबल मंदी को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी (Recession) एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के साथ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रित है, 2023 में वैश्विक विकास में लगभग 70% योगदान करने की उम्मीद है. उसी अनुमान के अनुसार, भारत चालू वर्ष में वैश्विक विकास में लगभग 15% का योगदान देगा.

 

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