scorecardresearch
 

Pawan Hans Sale: सवालों के बाद सरकार ने हेलीकॉप्टर कंपनी पवन हंस की बिक्री पर लगाई रोक

सरकार ने 29 अप्रैल 2022 को हेलीकॉप्टर कंपनी में सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी स्टार9 मोबिलिटी को बेचने की मंजूरी दे दी थी. पवन हंस में सरकारी कंपनी ओएनजीसी (ONGC) के पास 49 फीसदी हिस्सेदारी है.

Advertisement
X
बिक्री पर लगी रोक
बिक्री पर लगी रोक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरकार ने अप्रैल में दी थी बिक्री को मंजूरी
  • विवादों में फंसने के बाद सरकार ने लगाई रोक

केंद्र सरकार ने हेलीकॉप्टर कंपनी पवन हंस (Pawan Hans) की बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. सरकार ने सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड (Star9 Mobility Pvt Ltd) के बैकग्राउंड पर उठ रहे सवालों के बीच यह बड़ा कदम उठाया है. इससे पहले अप्रैल महीने में सरकार ने इस बिक्री पर मुहर लगाई थी.

Advertisement

Almas Global Opportunity Fund स्टार9 मोबिलिटी के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक है. इस फंड के पास स्टार9 मोबिलिटी की 49 फीसदी हिस्सेदारी है. एनसीएलटी की कोलकाता बेंच ने 22 अप्रैल 2022 को एक आदेश में Cayman Islands बेस्ड इस फंड पर पाबंदियां लगा दी थी. फंड ने इंसॉल्वेंसी रिज्यॉल्यूशन प्रोसेस में 568 करोड़ रुपये में कोलकाता की एक कंपनी ईएमसी लिमिटेड (EMC Ltd) को खरीदने की बोली लगाई थी. प्रोसेस में फंड की बोली को चुना गया था, लेकिन वह भुगतान करने में असफल रहा था. एनसीएलटी की पाबंदी का यही कारण था.

एनसीएलटी ने अपने आदेश में Almas को न सिर्फ कड़ी फटकार लगाई थी, बल्कि कंपनी के खिलाफ इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) की धारा 74(3) के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात की थी. एनसीएलटी ने अपने उक्त आदेश की कॉपी इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सेक्रेटरी को भेजने के लिए कहा था. 

Advertisement

जहां तक पवन हंस की बात है, एक एम्पावर्ड कैबिनेट समूह (Empowered Cabinet Group) ने 29 अप्रैल 2022 को हेलीकॉप्टर कंपनी में सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी स्टार9 मोबिलिटी को बेचने की मंजूरी दे दी थी. पवन हंस में सरकारी कंपनी ओएनजीसी (ONGC) के पास 49 फीसदी हिस्सेदारी है. ओएनजीसी ने कहा था कि वह उसी कीमत और शर्त पर सफल बोली लगाने वाले को अपने शेयर बेचेगी, जिनके ऊपर सरकार तैयार होगी. मामले से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि सरकार बिक्री पर आगे बढ़ने से पहले एनसीएलटी के आदेश का अध्ययन करेगी. अभी तक इस बिक्री के संबंध में सरकार ने लेटर ऑफ अवार्ड जारी नहीं किया था.

 

Advertisement
Advertisement