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Paytm IPO से पहले सभी चीनी नागरिक पेरेंट कंपनी के बोर्ड से हटे 

Paytm ने इस साल ही अपना IPO लाने की घोषणा की है. कंपनी का आईपीओ 21,800 करोड़ रुपये का हो सकता है. पेटीएम का संचालन One97 Communications द्वारा किया जाता है.

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IPO लाने की तैयारी कर रहे Paytm फाउंडर विजय शेखर शर्मा (फाइल फोटो: चंद्रदीप कुमार)
IPO लाने की तैयारी कर रहे Paytm फाउंडर विजय शेखर शर्मा (फाइल फोटो: चंद्रदीप कुमार)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इसी साल आना है Paytm का आईपीओ
  • इससे पहले कंपनी बोर्ड में बड़ा फेरबदल

पेटीएम Paytm की पेरेट कंपनी  One97 Communications के बोर्ड से सभी चीनी नागरिक हट गए हैं. इनमें प्रमुख निवेश Ant ग्रुप के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. एंट ग्रुप का प्रतिनिधित्व अब अमेरिका के फ्लोरिडा के निवासी डौगलस फीगिन करेंगे. 

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स्टार्टअप कंपनी Paytm ने इस साल ही अपना IPO लाने की घोषणा की है. कंपनी का आईपीओ 21,800 करोड़ रुपये का हो सकता है. पेटीएम का संचालन One97 Communications द्वारा किया जाता है. इस कंपनी की करीब 39 सब्सिडियरी हैं. पेटीएम के प्रमुख शेयरधारकों में चीन के अलीबाबा समूह का एंट ग्रुप, सॉफ्टबैंक विजन फंड, सैफ पार्टनर्स शामिल हैं. विजय शेखर शर्मा की इसमें 14.67 फीसदी हिस्सेदारी है. 

पेटीएम की पेरेंट कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को जो जानकारी दी है उसके मुताबिक Ant फाइनेंशियल के गुओमिंग चेंग और Alipay के जिंग शियांगडोंग ने कंपनी के डायरेक्टर पद को छोड़ दिया है. ये दोनों चीनी ना​गरिक हैं. इसके अलावा अमेरिकी नागरिक माइकल युएन जेयाओ और चीनी नागरिक तिंग हांग केन्नी हो ने भी डायरेक्टर का पद छोड़ दिया है. 

नए लोगों को शामिल किया गया

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बोर्ड में जिन नए लोगों को शामिल किया गया है उनमें Ant Group ग्रुप के Douglas Feagin शामिल हैं. डौगलस फीगिन अमेरिकी नागरिक हैं. डॉगलस इसके पहले गोल्डमैन सैक्स में काम कर चुके हैं. इनके अलावा भारतीय नागरिक अशित लिलानी और विकास अग्निहोत्री को भी कंपनी के बोर्ड में शामिल किया गया है.  लिलानी Saama कैपिटल के प्रतिनिधि हैं, जबकि अग्निहोत्री जापान के Soft-Bank के प्रतिनिधि हैं. 

आईपीओ लाने की तैयारी

गौरतलब है कि One97 Communications कंपनी पेटीएम का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. इसके तहत कंपनी अपना करीब 25 फीसदी हिस्सा शेयरधारकों को दे सकती है. इसके अलावा कंपनी के बोर्ड ने 5.4 लाख इक्विटी शेयर कर्मचारियों के देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है. 

पेटीएम की पेरेंट कंपनी में चीनी निवेश को लेकर कई वर्गों में सवाल उठाए जा रहे थे, जिसको देखते हुए शायद कंपनी ने यह सजगता दिखाई हो. आईपीओ से पहले कंपनी किसी तरह के विवाद में नहीं फंसना चाह रही होगी. राष्ट्रवाद की बात करने वाले लोगों ने अगर चीनी निवेश को तूल दिया तो आईपीओ की लोकप्रियता कम हो सकती है. इसलिए कंपनी पूरी तरह सतर्क दिख रही है. 

 

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