तेल कंपनियों ने मंगलवार को डीजल और पेट्रोल के दाम में फिर बढ़त कर दी है. दिल्ली में पेट्रोल 27 पैसे और डीजल 30 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है. मुंबई में पेट्रोल आज 98 रुपये लीटर के पार हो गया है.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों के वक्त करीब दो महीने तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी. लेकिन इसके बाद पिछले हफ्ते बढ़त का जो सिलसिला शुरू हुआ वह वीकेंड के दिनों को छोड़ दें तो लगातार जारी है. तेल कंपनियां रोज जिस तेजी से दाम बढ़ा रही हैं उससे लगता है कि क्रेडिट सुईस की यह भविष्यवाणी सच साबित होगी कि पेट्रोल के दाम में कुल 5.5 रुपये लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है. चुनाव के बाद छह दिनों में पेट्रोल 1.43 पैसे प्रति लीटर और डीजल 1.63 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है.
ये हैं प्रमुख शहरों के दाम
मंगलवार को हुई बढ़त के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 91.80 रुपये और डीजल 82.36 रुपये लीटर हो गया है. इसी तरह मुंबई में पेट्रोल 98.12 रुपये और डीजल 89.48 रुपये लीटर, चेन्नै में पेट्रोल 93.62 रुपये और डीजल 87.25 रुपये लीटर, तथा कोलकाता में पेट्रोल 91.92 रुपये और डीजल 85.20 रुपये लीटर हो गया है.
कच्चे तेल में राहत
ईरान में तेल उत्पादन में बढ़त की वजह से सोमवार को कच्चे तेल में कुछ राहत देखी गई. हालांकि भारतीय बॉस्केट में जो तेल आता है उसके दाम करीब 25 दिन पीछे के होते हैं.
तेल कंपनियां ऐसे समय में मनमाने तरीके से दाम बढ़ा रही हैं जब देश की जनता कोरोना संकट की भयावहता से जूझ रही है, ऐसे में किसी तरह के विरोध की भी कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है. हालांकि सरकार लगातार तर्क देती रहती है कि तेल के दाम पर सरकारी नियंत्रण नहीं है, और वह बाजार के उतार-चढ़ाव के अनुसार तेल कंपनियां खुद तय करती हैं. लेकिन यह हैरान करने वाली बात होती है कि जब चुनाव चल रहे होते हैं तो तेल कंपनियांं या तो दाम बढ़ाती नहीं या उसमें कटौती कर देती हैं. लेकिन चुनाव खत्म होते ही बढ़त का सिलसिला शुरू हो जाता है.
क्रेडिट सुईस की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि तेल कंपनियों ने अगर मार्जिन को दुरुस्त करने यानी अपने घाटे को दूर करने का प्रयास किया तो पेट्रोल के दाम में 5.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम में 3 रुपये लीटर तक की बढ़त हो सकती है.