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फिर बढे़ंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें? तेल कंपनियों को 18480 करोड़ का नुकसान

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के पास लागत के अनुरूप पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रतिदिन बदलाव करने का अधिकार है. सरकार ने मई में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी. इस दौरान लागत में इजाफा हुआ.

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क्या फिर से बढ़ेंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
क्या फिर से बढ़ेंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तीनों कंपनियों को हुआ बड़ा नुकसान
  • लंबे समय से स्थिर हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

पेट्रोल-डीजल की कीमतें (Petrol Diesel Price) एक बार फिर से बढ़ सकती हैं. पिछले कुछ समय से पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हैं. लेकिन तेल कंपनियों को हुए भारी नुकसान की वजह से हो सकता है कि एक बार फिर से ईंधन (Fuel) की कीमतों में इजाफा का दौर शुरू हो जाए. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को 18,480 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखने की वजह से कंपनियों को यह नुकसान झेलना पड़ा है. पहली तिमाही में लागत मूल्य बढ़ने के बाद भारी नुकसान हुआ है.

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वितरण मार्जिन में गिरावट

सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल वितरण कंपनियों की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, अप्रैल-जून में पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा नहीं करने के चलते उनका घाटा काफी बढ़ गया. वितरण मार्जिन में गिरावट के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है. पेट्रोल-डीजल के अलावा घरेलू एलपीजी के मार्केटिंग मार्जिन में कमी आने से पेट्रोलियम कंपनियों पर घाटे की मार पड़ी है. तगड़ा रिफाइनिंग मार्जिन भी इन पेट्रोलियम कंपनियों को नुकसान से नहीं बचा सका.

इसलिए नहीं बढ़ी कीमतें

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के पास लागत के अनुरूप पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रतिदिन बदलाव करने का अधिकार है. लेकिन देश में बढ़ती महंगाई दर की वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा नहीं किया गया. इस दौरान इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई. इस वजह से घरेलू तेल कंपनियों की लागत भी बढ़ गई. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों ने रसोई गैस की कीमतों में भी लागत के अनुसार बदलाव नहीं किया है.

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किस कंपनी को कितना घाटा

IOC ने  29 जुलाई को बताया था कि उसे पहली तिमाही में 1,995.3 करोड़ रुपये का नेट घाटा हुआ है. HPCL ने भी 10,196.94 करोड़ रुपये का घाटा होने की सूचना दी. इसी तरह BPCL ने भी 6,290.8 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है. इस तरह तीनों कंपनियों को मिलाकर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 18,480.27 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. 

प्रति लीटर कितना नुकसान

सरकार ने मई में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी. इसके बाद से करीब 123 दिन से पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. ICICI सिक्योरिटीज ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में बताया था कि IOC, HPCL और BPCL ने पेट्रोल और डीजल को 12-14 रुपये प्रति लीटर के नुकसान पर बेचा है. इस वजह से तिमाही के दौरान उनका राजस्व प्रभावित हुआ है.

 

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