सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (Oil Marketing Companies) को जुलाई-सितंबर तिमाही में एक बार फिर से भारी घाटे का सामना करना पड़ सकता है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान जाहिर किया गया है. इसमें कहा गया है कि आईओसी (IOC), बीपीसीएल (BPCL) और एचपीसीएल (HPCL) को कुल 21,270 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
लगातार दूसरी तिमाही में घाटा
पीटीआई के मुताबिक, यह संभवत: पहली बार होगा कि तेल विपणन कंपनियों को एक के बाद एक लगातार दो तिमाही में नुकसान होगा. गौरतलब है कि इससे पहले पिछली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही में भी ऑयल कंपनियों (Oil Companies) को संयुक्त रूप से 18,480 करोड़ रुपये का घाटा (Loss) झेलना पड़ा था. रिपोर्ट में लगातार घाटे के लिए सबसे बड़ी वजह देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में बढ़ोतरी न होना बताया जा रहा है.
प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ी, फिर भी दाम स्थिर
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक, इन तीनों तेल विपणन कंपनियों को ईंधन के दाम में स्थिरिता के कारण लगातार दूसरी तिमाही में भी घाटे में कारोबार करना पड़ा है. कंपनियों के रिफाइनिंग मार्जिन (Refining Margins) में भी सुधार देखने को नहीं मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोडक्शन कॉस्ट के अनुरूप देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दाम नहीं बढ़ने के चलते ऑयल कंपनियों को बड़ा घाटा होने का अनुमान है, जो 21, 270 करोड़ रुपये का हो सकता है.
बीती तिमाही से इतना ज्यादा नुकसान
अनुमानित आंकड़े को देखें तो बीती अप्रैल-जून तिमाही से इस तिमाही 2,790 करोड़ रुपये का ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महीने के अंत तक तेल कंपनिया जुलाई-सितंबर तिमाही का फाइलेंशियल डाटा जारी कर सकती हैं. उम्मीद है कि तीनों कंपनियां नवंबर की शुरुआत में अपने परिणाम जारी करेंगी. बता दें पहली तिमाही में भी कंपनियों पर पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहने और रिफाइनिंग मार्जिन घटने से भारी नुकसान हुआ था.
रिफाइनिंग मार्जिन में कमी का असर
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की मानें तो दूसरी तिमाही में कुल रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) कम होने से कंपनियों का खुदरा बिक्री घाटा 9.8 रुपये प्रति बैरल पर रह सकता है. हालांकि, यह आंकड़ा पहली तिमाही में 14.4 रुपये प्रति बैरल रहा था. इसके साथ ही ब्रोकरेज ने कहा कि तीनों तेल कंपनियां को एबिटा आय (EBITDA) में 14,700 करोड़ रुपये की कमी और 21,270 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हो सकता है.