नई सैन्य भर्ती योजना अग्निपथ (Agnipath Scheme) को देश में तगड़े विरोध का सामना करना पड़ा. कई जगहों पर तो विरोध काफी हिंसक भी हो गया और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. अकेले रेलवे को करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ चुका है. अग्निपथ योजना की विरोध की मूल वजह 4 साल की सर्विस है. आलोचकों का कहना है कि चार साल की सर्विस के बाद युवा फिर से बेरोजगार हो जाएंगे. हालांकि इन सब घटनाक्रमों के बीच उद्योग जगत ने अग्निवीरों (Agniveer) को 4 साल की सर्विस के बाद नौकरी देने का ऐलान किया है. कई बड़े कॉरपोरेट घरानों (Corporate Houses) और दिग्गज उद्योगपतियों (Industrialists) के बाद अब प्लास्टिक इंडस्ट्री ने भी अग्निवीरों को नौकरी में वरीयता देने की बात की है.
प्लास्टिक संगठन ने जारी किया ये बयान
प्लास्टिक इंडस्ट्री के शीर्ष संगठन प्लास्टइंडिया फाउंडेशन (PlastIndia Foundation) ने बुधवार को कहा कि सेना में 4 साल की सर्विस देने वाले अग्निवीरों में से करीब 01 लाख लोगों को अकेले प्लास्टिक इंडस्ट्री नौकरी दे सकता है. संगठन ने भारत सरकार की अग्निपथ योजना का समर्थन करते हुए एक बयान भी जारी किया. प्लास्टइंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष जिगीश दोशी ने कहा, 'अभी प्लास्टिक इंडस्ट्री में 50 हजार से ज्यादा प्रोसेसिंग यूनिट हैं. पिछले तीन दशक में उत्पादन और उपभोग कई गुणा बढ़ा है. इसके साथ ही प्लास्टिक इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस इंडस्ट्री को बड़े पैमाने पर युवाओं व बेहतर कामगारों की जरूरत है. हमें यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि हम 01 लाख अग्निवीरों को प्लास्टिक इंडस्ट्री में नौकरी दे सकते हैं.'
उन्होंने दावा किया कि प्लास्टिक इंडस्ट्री में पहले से ही सीधे तौर पर 40 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी मिली हुई है. इसके अलावा इस इंडस्ट्री से करीब 04 करोड़ लोग इनडाइरेक्टली जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा, 'हालांकि तेजी से बढ़ रही इस इंडस्ट्री में मैनपावर की डिमांड भी तेज है. हमें यकीन है कि अग्निवीर इस इंडस्ट्री को और आगे ले जाने में मददगार साबित होंगे.'
समर्थन कर चुके हैं कॉरपोरेट घराने
इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), टाटा समूह (Tata Group), महिंद्रा समूह (Mahindra Group), आरपीजी एंटरप्राइजेज (RPG Enterprises), बायोकॉन (Biocon), अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप (Apollo Hospital Group) जैसे कॉरपोरेट घराने भी अग्निपथ योजना का समर्थन कर चुके हैं. इन घरानों ने साथ में भी कहा है कि वे अपनी कंपनियों में अग्निवीरों को नौकरी देने में प्रथमिकता देंगे. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Mahindra Group Chairman Anand Mahindra), आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका (RPG Enterprises Chairman Harsha Goenka), बायोकॉन लिमिटेड की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ (Biocon Ltd Chairperson Kiran Mazumdar-Shaw) और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की ज्वाइंट मैनेजिंग डाइरेक्टर संगीता रेड्डी (Apollo Hospitals Group's Joint MD Sangita Reddy) जैसे उद्योगपतियों ने अग्निपथ योजना का समर्थन किया है.
इस कारण हो रहा देश भर में विरोध
आपको बता दें कि अग्निपथ योजना का ऐलान 14 जून को किया गया था. इसके तहत युवाओं को तीनों सैन्य बलों में 04 साल तक सेवा देने का मौका मिलेगा. इनमें से 25 फीसदी लोगों को सेना में स्थाई कर दिया जाएगा. देश में इस योजना के विरोध की मुख्य वजह यही है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चार साल बाद उनके सामने एक बार फिर से बेरोजगार होने का जोखिम रहेगा. दूसरी ओर सेना ने साफ कर दिया है कि अब जो भी भर्तियां होंगी, वे अग्निपथ योजना के माध्यम से ही होंगी.