प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोले और जमकर बोले. इस दौरान उन्होंने देश के बैंकिंग सेक्टर से लेकर भारतीय जीवन बीमा निगम तक का जिक्र किया. अविश्वास प्रस्ताव पर अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एक ऐसी सरकारी कंपनी का भी नाम लिया, जिसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरता रहा है. पीएम मोदी ने उस कंपनी का नाम लेकर विपक्ष पर जोरदार पलटवार किया है. कंपनी का नाम है हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिडेट (HAL).
विपक्ष लगाता रहा है आरोप
दरअसल, विपक्ष मोदी सरकार पर लगातार आरोप लगा रहा था कि वो सरकारी कंपनियों को बर्बाद कर रही है. पीएम मोदी ने विपक्ष के इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि जिन लोगों को भी इन दो सरकारी कंपनियों (LIC और HAL) पर किसी तरह का शक हो वो पहले डाटा चेक करके आएं फिर बात करें. तो चलिए जरा डेटा चेक कर लिया जाए.
पीएम बोले HAL नई बुलंदी छू रही है
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे डिफेंस के हेलिकॉप्टर बनाने वाले सरकारी कंपनी HAL को लेकर भली-बुरी बातें कही गईं. दुनिया में इसकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई. कहा गया कि HAL बर्बाद-तबाह हो गई है. इतना ही नहीं जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है, वैसा ही उस समय HAL फैक्ट्री के दरवाजे पर मजदूरों की सभा कर वीडियो शूट किया गया था. कामगारों को भड़काया गया कि आपका अब कोई भविष्य नहीं है. इसका बुरा चाहा लेकिन आज HAL आज नई बुलंदी छू रही है. HAL ने अपना अब तक का सबसे ज्यादा रेवेन्यू रजिस्टर किया है.
कंपनी का प्रदर्शन
मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े अभी आने वाले हैं. इसलिए HAL के पिछले वित्त वर्ष के प्रदर्शन के वित्तीय आंकड़ों पर नजर डाल लेते हैं. HAL ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऑपरेशन से लगभग 26,500 करोड़ (प्रोविजनल और अनऑडिटेड) का उच्चतम रेवेन्यू दर्ज किया था. जबकि इससे पिछले वित्तीय वर्ष में ये आंकड़ा 24,620 करोड़ रुपये रहा था. डिफेंस सेक्टर की इस सरकारी कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 की आखिरी तिमाही दौरान 8 फीसदी की रेवेन्यू ग्रोथ हासिल की थी.
कंपनी को मिले बंपर ऑर्डर
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान आपूर्ति समाप्त होने के बाद मार्च 2023 के अंत में कंपनी का ऑर्डर बुक लगभग 82,000 करोड़ रुपये का था. इस दौरान लगभग 26,000 करोड़ रुपये के नए कॉन्ट्रैक्ट कंपनी को मिले थे. इसमें 70 एचटीटी-40, 6 डीओ-228 विमान और पीएसएलवी लॉन्च व्हीकल्स के मैन्युफैक्चरिंग अनुबंध शामिल थे. इसके अलावा, मरम्मत और ओवरहाल के मोर्चे पर वर्ष के दौरान 16,600 करोड़ के नए ऑर्डर प्राप्त हुए थे.
इस साल फरवरी के महीने में के HAL के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने एएनआई को बताया था कि कंपनी ऑर्डर बुक बेहतरीन स्थिति में है. उन्होंने कहा था कि इस सरकारी कंपनी के पास 84,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पेंडिंग हैं, जबकि 55,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पाइपलाइन में हैं.
शेयरों ने दिए जोरदार रिटर्न
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिडेट के नाम हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि जुड़ी है. इस कंपनी ने चंद्रयान 3 मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजने में अहम भूमिका निभाई है. HAL ने चंद्रयान 3 के निर्माण के लिए कई जरूरी कम्पोनेंट्स नैशनल एरोस्पेस लैबोरेटरीज को दिए. अब HAL के शेयरों की बात कर लेते हैं. शुक्रवार की सुबह HAL के शेयर 0.93 फीसदी की तेजी के साथ 3,827.00 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. HAL ने अपने निवेशकों को पिछले पांच साल में बंपर रिटर्न दिए हैं.
स्टॉक में 300 फीसदी का उछाल
अगर HAL के शेयरों से निवेशकों को मिले रिटर्न की बात करें, तो पांच साल पहले इस कंपनी पर दांव लगाने वालों का पैसा तीन गुना बढ़ा है. पिछले पांच साल में HAL के शेयरों में 309.11 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. 17 अगस्त 2018 को HAL के शेयर 935.45 रुपये पर थे. अब ये 3,854.05 रुपये पर पहुंच गए हैं. अगर पिछले छह महीने की बात करें, तो इस सरकारी कंपनी के स्टॉक ने लगभग 57 फीसदी का रिटर्न अपने निवेशकों दिया है. इस स्टॉक का 52 वीक का हाई 3,998.90 रुपये और लो 2,174.30 रुपये रहा है.
कांग्रेस का HAL को लेकर सरकार पर आरोप
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर राफेल डील से जानबूझकर HAL को बाहर करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने कहा था कि एनडीए सरकार हर विमान को करीब 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है. वहीं, यूपीए सरकार 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की कीमत पर 126 राफेल विमानों को खरीदने के लिए बातचीत कर रही थी. राहुल गांधी ने ये भी आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने ऑफसेट पार्टनर के रूप में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की एक कंपनी का चयन करने के लिए फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन को मजबूर किया था.