भारत में पोस्ट ऑफिस (Post Office) कई लोगों के लिए सिर्फ बैंकों (Bank) का विकल्प ही नहीं है, बल्कि यह फाइनेंशियल सर्विसेज (Financial Services) के लिए लोगों का पसंदीदा विकल्प भी है. करोड़ों लोग पोस्ट ऑफिस की अलग-अलग सेविंग से लेकर इंश्योरेंस योजनाओं का लाभ उठाते हैं. इसका कारण है कि पोस्ट ऑफिस में पैसे लगाना रिस्क-फ्री माना जाता है. मिडल क्लास के एक औसत भारतीय को वैसी योजनाएं पसंद आती हैं, जो सुरक्षित और तय रिटर्न देती हों. पोस्ट ऑफिस की ग्राम सुरक्षा योजना (Gram Suraksha Yojana) ऐसी ही एक स्कीम है. इस स्कीम के लिए अगर आप रोजाना सिर्फ 50 रुपये निकालें तो आप अपने लिए 35 लाख रुपये का रिटर्न सुनिश्चित कर सकते हैं.
रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस स्कीम का हिस्सा
पोस्ट ऑफिस की ग्राम सुरक्षा योजना रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस स्कीम्स प्रोग्राम (Rural Postal Life Insurance Schemes Programme) का हिस्सा है. इंडिया पोस्ट (India Post) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनसार, रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी भारत की ग्रामीण जनता के लिए 1995 में लॉन्च की गई थी. ग्राम सुरक्षा योजना के बारे में दी गई जानकारी के अनुसार, अगर कोई पात्र व्यक्ति इस स्कीम में हर महीने 1,500 रुपये यानी रोजाना महज 50 रुपये लगाता है तो उसे स्कीम के मैच्योर होने पर 35 लाख रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है.
चार साल बाद मिल जाता है लोन
यह योजना टीन एज वाले लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है. इस योजना में 19 साल से 55 साल तक की उम्र का कोई भी व्यक्ति इनवेस्ट कर सकता है. इस स्कीम में 10,000 से लेकर 10 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है. इसका प्रीमियम आप मंथली, क्वार्टरली, हाफ-इयरली और सालाना भर सकते हैं. प्रीमियम के भुगतान के लिए आपको 30 दिन की छूट मिलेगी. इस पॉलिसी की खास बात है कि इसे खरीदने के 4 साल के बाद लोन भी लिया जा सकता है. योजना के तहत अगर आप 19 साल की उम्र में 10 लाख रुपये की ग्राम सुरक्षा योजना खरीदते हैं, तो 55 साल के लिए आपको हर महीने 1,515 रुपये प्रीमियम भरना होगा. वहीं, 58 साल के लिए 1,463 रुपये और 60 साल के लिए 1,411 रुपये हर महीने जमा करने होंगे.
पोस्ट ऑफिस की स्कीम पर ये लाभ
अगर रिटर्न की बात करें तो निवेशक को 55 साल के लिए 31.60 लाख रुपये, 58 साल के लिए 33.40 लाख रुपये और 60 साल के लिए 34.60 लाख रुपये का मेच्योरिटी बेनिफिट मिलेगा. ग्राम सुरक्षा योजना के अंतर्गत ये रकम व्यक्ति के 80 वर्ष के होने पर उसको सौंप दी जाती है. वहीं अगर व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो ये राशि व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी को मिलती है. ग्राहक 3 साल के बाद पॉलिसी सरेंडर करने का विकल्प चुन सकता है. हालांकि, उस स्थिति में इसके साथ कोई लाभ नहीं मिलेगा. पॉलिसी का सबसे बड़ा आकर्षण इंडिया पोस्ट की ओर से दिया जाने वाला बोनस है और अंतिम घोषित बोनस हर 1,000 रुपये पर सालाना 60 रुपये है.