देश के निवेशकों को रविवार की सुबह एक खबर ने झकझोर दिया. जब तक सूरज मुंबई के दरिया पर अपनी किरणें फैला पाता, उससे पहले ही दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के निधन की खबर ने, दलाल स्ट्रीट के निवेशकों को गमगीन कर दिया. राकेश झुनझुनवाला देश के सबसे बड़े निवेशक थे. उनके एक स्टेटमेंट पर मार्केट और दलाल स्ट्रीट में हलचल मचनी शुरू हो जाती थी. निवेशक उनके हर मूव को फॉलो करने की कोशिश में जुटे रहते. शेयर मार्केट खुलते ही निवेशकों की नजरें राकेश झुनझुनवाला के फोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक की चाल पर टिक जातीं.
लेकिन अब, जब 75वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न को मनाकर भारतीय शेयर मार्केट मंगलवार को खुलेगा, तो निवेशकों को राकेश झुनझुनवाला की गैरमौजूदगी खलेगी. हालांकि, उनके नहीं होने से बाजार की चाल पर कोई गहरा असर पड़े, ऐसा कहना फिलहाल तो मुश्किल है. लेकिन मुंबई के स्टॉक मार्केट को उस शख्स की कमी जरूर खलेगी, जिसने बारीकी से उसे 400 अंक से 62 हजार के रिकॉर्ड हाई तक पहुंचते देखा था. राकेश झुनझुनवाला भारतीय शेयर मार्केट की सफलता के सुनहरे सफर के अहम साथी थे. उन्होंने जब 1985 में स्टॉक मार्केट में कदम रखा, तब शेयर मार्केट 400 अंकों के आसपास घूमता था.
अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक
राकेश झुनझुनवाला का इस दुनिया से चले जाना भारतीय अर्थव्यवस्था और निवेशक समुदाय के लिए अपूर्णिय क्षति है. वो हमेशा से देश की अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक रहे. उन्होंने एक बार कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था में इतनी ताकत है कि वो 10 फीसदी का जीडीपी दर हासिल कर सकती है. वो हमेशा भारतीय शेयरों में निवेश करने के पक्षधर थे. शेयर मार्केट कितना भी गिर जाए, वो हमेशा कहते थे कि अगर नुकसान बाजार में हुआ है, तो फायदा भी यहीं होगा. निवेशकों को उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए.
बाजार को खलेगी कमी
मार्केट एक्सपर्ट और tradeswift के डायरेक्टर संदीप जैन कहते हैं- 'शेयर मार्केट अपने दम पर चलता है. लेकिन राकेश झुनझुनवाला देश के सबसे बड़े निवेशक थे. वो हमेशा से ही मार्केट को लेकर बेहद ही पॉजिटिव रहे. दर्जनों शेयर्स में उन्होंने करोड़ों रुपये निवेश किए हैं. ऐसे में जाहिर है कि राकेश झुनझुनवाला की कमी बाजार को बहुत ही खलेगी'.
'स्टॉक मार्केट्स हमेशा सही होते हैं'
राकेश झुनझुनवाला का मानना था कि स्टॉक मार्केट्स हमेशा सही होते हैं. वो कहते थे कि मेरे पास एकमात्र नियम है कि कोई नियम ही नहीं है. वो निवेशकों से हमेशा कहते थे कि प्राइस का सम्मान करें. क्योंकि हर कीमत पर एक खरीदने वाला और एक बेचनेवाला होता है. कौन सही है, यह तो भविष्य ही तय करता है. इसलिए कीमत का सम्मान करना सीखें, क्योंकि आप गलत हो सकते हैं.
भारत बड़े आधार के साथ विकास करेगा
भारतीय इकोनॉमी के ग्रोथ को लेकर राकेश झुनझुनवाला ने 2019 में बेहद मारक बात कही थी. उन्होंने कहा था- 'मुझे लगता है कि लोगों को शेयरों पर भरोसा है, मगर अर्थव्यवस्था पर नहीं है. इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि भारत बड़े आधार के साथ विकास करेगा. सोच- समझकर किया जाने वाला खर्च शिखर पर पहुंचाने वाला है. वो देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को लेकर काफी पॉजिटिव थे. उन्होंने हाल ही में कहा था कि भारत अपने सुनहरे दौर में प्रवेश कर रहा है और देश की विकास दर करीब 10 फीसदी होगी.
भारत की कहानी में भरोसा रखने वाला शख्स
राकेश झुनझनुवाला एक ऐसे सेल्फ मेड मैन थे, जिसने अपनी संपत्ति को 2 साल में ही डबल कर दिया था. फोर्ब्स के आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने अपनी संपत्ति को 2020 में करीब 2 अरब डॉलर थी. इसे बढ़ाकर 2022 में उन्होंने 5.8 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया था. उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में भी याद किया जाएगा, जो भारत की कहानी में सबसे अधिक भरोसा रखता था. राकेश झुनझुनवाला को भारतीय निवेशक की ताकत में जबरदस्त विश्वास था. वो कहते थे कि अगर आप पैसा कमाना चाहते हैं, तो इसका एकमात्र तरीका भारत की ग्रोथ के साथ बने रहना है.
ऐसे याद आएंगे राकेश झुनझुनवाला
झुनझुनवाला ने अपने तमाम इंटरव्यू और मंचों पर कही बातों से देश के निवेशकों को प्रेरित किया है. भले ही उन्होंने नश्वर दुनिया को आज अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी. उनके कहे शब्द हमेशा दलाल स्ट्रीट में गूंजते रहेंगे.
मंगलवार की सुबह जब मार्केट की बेल बजेगी और दलाल स्ट्रीट में हलचल शुरू होगी, तब उस शोर के बीच राकेश झुनझुनवाला के कहे तमाम शब्द निवेशकों के मन के भीतर जरूर गूंज उठेंगे. जब-जब टाइटन और उनके फोर्टफोलियो के तमाम शेयर ग्रीन या रेड में ट्रेड करेंगे उनका कहा याद आएगा- 'स्टॉक मार्केट्स हमेशा सही होते हैं'.