शेयर मार्केट के बिगबुल राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का 62 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एडमिट कराया गया था. आज सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर अस्पताल ने राकेश झुनझुनवाला की मौत की पुष्टि की. शेयर मार्केट की दुनिया में साल 1985 में एंट्री करने वाले राकेश झुनझुनवाला कहते थे कि बाजार हमेशा फ्यूचर देखता है. कोरोना महामारी के बाद भारतीय मार्केट दबाव में था. उस वक्त भी उन्होंने निवेशकों से कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है. जल्द ही कुछ सेक्टर्स में तेजी दिखेगी. राकेश झुनझुनवाला ने आजतक के मंच पर बताया था कि वो अपने लिए शेयर्स कैसे चुनते हैं.
उतार-चढ़ाव से नहीं घबराना चाहिए
राकेश झुनझुनवाला ने तब कहा था कि निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से नहीं घबराना चाहिए, अगर बाजार लो बनाता है तो फिर यही बाजार नया हाई भी बनाता है. साल 1985 में शेयर मार्केट में कदम रखने वाले राकेश झुनझुनवाला ने अपना शुरुआती बड़ा मुनाफा टाटा टी के शेयर बेचकर कमाया था. उन्होंने तब टाटा टी के पांच हजार रुपये के शेयर 43 रुपये के भाव पर खरीदे थे. अगले तीन महीने में ही शेयर का भाव चढ़कर 143 रुपये हो गया. इन्हें बेचकर तब उन्होंने अपनी पहली मोटी कमाई की थी.
कैसे चुनते थे शेयर्स
अपने शेयर चुनने को लेकर राकेश झुनझुनवाला कहते थे- 'मैं सबसे पहले भाव देखता हूं, उसके बाद कंपनी का फंडामेंटल देखता हूं और फिर कंपनी के फ्यूचर ग्रोथ को देखता हूं.' इन बातों का ध्यान रखकर राकेश झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े थे. राकेश झुनझुनवाला ने तब कहा था कि उनका निवेश का तरीका जो साल 1985 में था, वहीं आज भी है और आगे भी रहेगा.
'पारस जैसे गुण'
हाल ही में राकेश झुनझुनवाला की निवेश वाली एयरलाइन अकासा ने उड़ान भरने की शुरुआत की है. उन्होंने अकासा एयरलाइन की शुरुआत कर सबसे सस्ते हवाई सफर का वादा किया था. फोर्ब्स की बिलेनियर लिस्ट के मुताबिक, फिलहाल राकेश झुनझुनवाला अरबपतियों की सूची में दुनिया के 440वें सबसे अमीर व्यक्ति थे. राकेश झुनझुनवाला के बारे में कहा जाता था कि उनमें 'पारस जैसे गुण' था. यानी वो जो भी चीज छूते हैं, वो सोना बन जाता था.