रतन टाटा (Ratan Tata) ने मंगलवार को बुजुर्गों की सेवा के लिए एक स्टार्टअप गुड फेलोज (Startup Goodfellows) में निवेश का ऐलान किया. इस मौके पर उन्होंने अपने अकेलेपन का दर्द भी बयां किया और बताया कि कैसा लगता है जब आप बूढ़े हो जाते हैं. इस स्टार्टअप को शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) ने शुरू किया है, जो टाटा के ऑफिस में काम करते हैं.
टाटा के ऑफिस में काम करते हैं शांतनु
बिजनेस टुडे के मुताबिक, इस स्टार्टअप (Startup) की शुरुआत करने वाले शांतनु नायडू 30 साल के हैं और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (Cornell University) से पढ़ाई की है. फिलहाल, वे टाटा ऑफिस में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. इसके साथ ही बता दें कि शांतनु 2018 से रतन टाटा (Ratan Tata) को सलाह देने का काम कर रहे हैं. शांतनु ने उनके पशु प्रेम को भी लगातार साझा किया है और पालतू जानवरों से संबंधित वेंचर भी शुरू कर चुके हैं.
ऐसे बनेगा बुजुर्गों का सहारा
Goodfellows में रतन टाटा ने कितना निवेश (Ratan Tata Invest) किया है इस बात की जानकारी साझा नहीं की गई है. हालांकि, लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने शांतनु को उनके इस कदम के लिए बधाई दी. यह स्टार्टअप युवाओं को बूढ़े लोगों का सहारा बनाएगा. उनका अकेलापन दूर करने के लिए ये युवा बुजुर्गों के साथ कैरम खेलना, उनके लिए अखबार पढ़ेंगे और आराम करने में उनकी मदद करेंगे. टाटा ने कहा कि उन्हें इस स्टार्टअप के आगे बढ़ने पर बेहद खुशी होगी.
रतन टाटा ने कही ये बड़ी बात
स्टार्टअप लॉन्च के मौके पर रतन टाटा (Ratan Tata) ने कहा, 'आप नहीं जानते कि अकेले रहना कैसा होता है? जब तक आप अकेले समय बिताने के लिए मजबूर नहीं होते तब तक अहसास नहीं होगा.'
84 वर्षीय बैचलर टाटा ने आगे कहा कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने मन बिल्कुल भी नहीं करता. उन्होंने बुजुर्गों की अकेलेपन की समस्या दूर करने के लिए ऐसे स्टार्टअप शुरू होना खुशी की बात है.
'रतन टाटा- बॉस, संरक्षक और मित्र'
इस मौके पर शांतनु नायडू ने कहा कि नायडू ने रतन टाटा को एक बॉस, एक संरक्षक और एक मित्र बताया. उन्होंने कहा कि वह अपने स्टार्टअप गुडफेलोज की सेवाएं सिर्फ मुंबई में नहीं बल्कि पूरे देश में उपलब्ध कराना चाहते हैं. कंपनी वित्तीय राजधानी मुंबई में अपने बीटा चरण में बीते छह महीनों से 20 बुजुर्गों के साथ काम कर रही है.
भविष्य में कंपनी पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में भी अपनी सेवाएं देना चाहती है. शांतनु ने कहा कि वह धीरे-धीरे सेवाओं का विस्तार करना चाहते हैं, ताकि इस स्टार्टअप की सेवाओं की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता न हो सके.