देश ने दिग्गज कारोबारी और एक दरियादिल इंसान को खो दिया है. 9 अक्टूबर की रात रतन टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी अंतिम यात्रा में देश-दुनिया के दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं. Ratan Tata के निधन से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है. उन्होंने अपने जीवन में कई कामयाबी हासिल की थी. वह पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित थे. परोपकारी कामों में वे सबसे आगे रहते थे. अपनी आधी से ज्यादा संपत्ति को दान में दे दिया है. जानवरों से उन्हें काफी प्रेम था और वे अक्सर देश की तरक्की के बारे में सोचते रहते थे.
टाटा ग्रुप को इंटरनेशनल बनाने में रतन टाटा ने बड़ी भूमिका निभाई थी. इतना ही नहीं TCS जैसी बड़ी कंपनियों की रतन टाटा ने ही शुरुआत की थी. नैनो कार को लॉन्च करके वे आम लोगों के दिलों में बस चुके थे. रतन टाटा ने महामारी के दौरान भी आर्थिक तौर पर देश की मदद की थी और एक बड़ा अमाउंट दान किया था.
जब एक मैसेज ने रतन टाटा को वापस भारत बुलाया
शायद यह सभी उपलब्धियां और ये काम कभी नहीं हो पाते, अगर रतन टाटा को दादी के नाम पर मैसेज नहीं मिला होता या उन्हें वापस बुलाया गया नहीं होता. रतन टाटा ने खुद ही एक इंटरव्यू में यह कहानी शेयर की थी और बताया था कि उनका भारत वापस लौटने का इरादा नहीं था, लेकिन उन्हें नौकरी छोड़कर वापस आना पड़ा और वे दोबारा अमेरिका नौकरी करने नहीं जा पाए.
अमेरिका में करते थे ये नौकरी
टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन ने अपने एक बयान में बताया था कि अमेरिका में उन्होंने आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, उनका कभी भी भारत वापस आने का इरादा नहीं था. सिमी ग्रेवाल के साथ एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे वहां अच्छी तरह से सेटल नहीं थे, लेकिन वहां खुशी-खुशी काम कर रहे थे. स्नातक होने के बाद रतन टाटा कुछ समय तक अमेरिका में आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चरल इंजीनियर के रूप में काम करते रहे.
क्यों भारत आना पड़ा?
जब सिमी ने पूछा कि वह वापस क्यों आए, तो उसने जवाब दिया था कि मेरी दादी ने मुझे वापस लौटने के लिए कहा या यूं कहें कि मैं इसलिए वापस आया क्योंकि वह मुझे वापस मिलना चाहती थीं. रतन टाटा ने कहा था कि जब मैं और मेरा भाई काफी छोटे थे, तब मेरी मां और पिता का तलाक हो गया था और उन्होंने ही हमारा पालन-पोषण किया था. मैं उनसे काफी करीब था और वह मुझसे वापस मिलना चाहती थीं. उन्होंने आगे बताया था कि वे खुशी-खुशी अपनी दादी नवाजबाई सेट्ट के लिए ही वापस आए थे, नहीं तो वे कभी भी वापस नहीं आते.
रतन नवल टाटा
28 दिसंबर 1937 को रतन टाटा का जन्म हुआ था. इनके पिता का नाम नवल टाटा और माता का नाम सूनी टाटा था. रतन टाटा जमशेदजी टाटा के परपोते थे. वह 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे. अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक इंटरिम चेयरमैन थे. 2017 से टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे. रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को इंटरनेशनल ब्रांड बनाया था. उन्होंने एयर इंडिया को खरीदा, जिसे जेआरडी टाटा ने शुरू किया था, लेकिन आजादी के बाद ये सरकारी हो गई थी.
फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने में रतन टाटा ने बड़ी भूमिका निभाई थी. 2008 में रतन टाटा को भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला था. इससे पहले 2000 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.