रतन टाटा (Ratan Tata) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है, बूढ़ा हो या बच्चा हो या फिर युवा हर कोई उन्हें जानता है और उनकी सादगी को सलाम करता है. कारोबार जगत में एक बड़ा नाम होने के बाद भी ऐसा नहीं है कि उन्हें कभी अपमान नहीं झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने इस अपमान का जिस तरह से बदला लिया वो मिसाल बन गया है. दिग्गज भारतीय उद्योगपति हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने उनके इस बदले की कहानी का एक वीडियो ट्विटर (Twitter Video) पर शेयर किया है, जो तेजी से Viral हो रहा है.
हर्ष गोयनका ने किया वीडियो ट्वीट
जाने-माने भारतीय उद्योगपति और RPG एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है. इसमें रतन टाटा द्वारा फोर्ड कंपनी से अपने अपने बदले (Ratan Tata Vs Ford) की कहानी को दर्शाया गया है. इसमें बताया गया है कि 90 के दशक में कैसे टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपने कार डिविजन को बेचने के लिए फोर्ड से बात की और लग्जरी कार निर्माता कंपनी के मालिक की ओर से उन्हें अपमानित किया गया. इसके बाद Ratan Tata ने कार डिविजन को बेचने का फैसला टाला और फोर्ड को ऐसा सबक सिखाया, जिसकी उसने कल्पना नहीं की थी.
ये थी अपमान की पूरी कहानी
Harsh Goenka ने इस वीडियो को शेयर करते हुए इसके कैप्शन में लिखा, 'Ratan Tata की प्रतिक्रिया जब Ford द्वारा अपमानित किया गया था.' इस वीडियो को देखें तो पता चलता है कि 90 के दशक में रतन टाटा ने अपनी टाटा मोटर्स के जरिए टाटा इंडिका को लॉन्च किया. लेकिन उनकी ये लॉन्चिंग फ्लॉप रही और हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अपनी कार डिविजन को बेचने का फैसला करना पड़ा. इसके लिए रतन टाटा ने साल 1999 में फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन Bill Ford से सौदे की बात की.
Ratan Tata’s response when he was humiliated by Ford 👏👏👏 pic.twitter.com/y51ywPlnfW
— Harsh Goenka (@hvgoenka) October 31, 2022
बस यही से शुरू हुई बदले की ऐसी कहानी जो आज भी मिसाल है. दरअसल, अमेरिका में बिल फोर्ड ने इस सौदे को लेकर रतन टाटा का मजाक उड़ाया और अपमान करते हुए कहा था, 'तुम कुछ नहीं जानते, आखिर तुमने पैसेंजर कार डिविजन क्यों शुरू किया. उन्होंने आगे कहा कि अगर में ये सौदा करता हूं तो ये बड़ा एहसान होगा.'
9 साल में टाटा मोटर्स बुलंदियों पर पहुंची
अमेरिका में हुए इस अपमान के बाद भी रतन टाटा शांत रहे और उन्होंने कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं की. हालांकि, उन्होंने उसी रात ये फैसला कर लिया कि अब वो Tata Motors का कार डिविजन नहीं बेचेंगे और रात में ही रतन टाटा मुबंई के लिए वापस लौट गए. उन्होंने इस अपमान को लेकर कोई जिक्र नहीं किया, बल्कि अपना पूरा ध्यान कंपनी के कार डिविजन को बुलंदियों पर पहुंचाने में लगा दिया. उनकी मेहनत रंग लाई और करीब नौ साल बाद यानी 2008 में उनकी टाटा मोटर्स दुनिया भर के मार्केट में छा चुकी थी और कंपनी की कारें वेस्ट सेलिंग कैटेगरी में सबसे ऊपर आ गई थीं.
Bill Ford को आना पड़ा मुंबई
एक ओर जहां टाटा मोटर्स रतन टाटा के नेतृत्व में आसमान पर पहुंच चुकी थी, तो वहीं बिल फोर्ड के नेतृत्व वाली फोर्ड मोटर्स की हालत पतली हो चुकी थी. डूबती फोर्ड कंपनी को उबारने के लिए रतन टाटा आगे आए, लेकिन ये उनके अपमान का बदला लेने का तरीका ही था.
दरअसल, जब फोर्ड बड़े नुकसान में थी तो 2008 में ही टाटा चेयरमैन रतन टाटा ने चेयरमैन बिल फोर्ड को उनकी कंपनी की सबसे लोकप्रिय जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड को खरीदने का ऑफर दे डाला. इस सौदे के लिए रतन टाटा को अमेरिका नहीं जाना पड़ा, बल्कि उनका अपमान करने वाले बिल फोर्ड को खुद अपनी पूरी टीम के साथ मुंबई आना पड़ा.
फोर्ड चेयरमैन बोले- 'आप हम पर एहसान कर रहे'
मुंबई में रतन टाटा के ऑफर को एक्सेप्ट करते हुए बिल फोर्ड के सुर ही बदल गए थे. टाटा मोटर्स की कार डिविजन के सौदे के समय उन्होंने जो रतन टाटा के लिए कहा था, ठीक वही उन्होंने अपने लिए दोहराया. फोर्ड चेयरमैन ने मीटिंग के दौरान रतन टाटा को थैंक्यू बोला और कहा 'आप जैगुआर और लैंड रोवर सीरीज को खरीदकर हमपर बड़ा ऐहसान कर रहे हैं.'
आज जैगुआर और लैंड रोवर कारें टाटा मोटर्स की सबसे सक्सेसफुल सेलिंग मॉडल्स में एक हैं. उनके बदले की कहानी बयां करता हर्ष गोयनका द्वाका शेयर किया गया ये वीडियो तेजी से सोशम मीडिया पर वायरल हो रहा है और ट्वियर यूजर्स इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.