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दो बैंकों पर RBI का शिकंजा, पैसे निकालने पर लिमिट, कहीं यहां आपका अकाउंट तो नहीं!

रिजर्व बैंक ने बताया कि दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट (Banking Regulation Act) के तहत पाबंदियां लगाई गई हैं. दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर ये पाबंदियां अगले छह महीने तक लागू रहेंगी. रिजर्व बैंक छह महीने बीत जाने के बाद तय करेगा कि पाबंदियों को हटाया या नरम किया जाना चाहिए अथवा नहीं.

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RBI के निशाने पर आए दो सहकारी बैंक
RBI के निशाने पर आए दो सहकारी बैंक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बैंकिंग नियमों का सही से पालन नहीं करने पर एक्शन
  • निकासी, जमा समेत कई चीजों पर लग गई पाबंदी

बैंकिंग नियमों (Banking Rules) का सही से पालन नहीं करने के कारण RBI अक्सर बैंकों के ऊपर कार्रवाई करते रहता है. हालिया समय में खास तौर पर सहकारी बैंकों (Co-operative Banks) को लेकर रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) सख्त हुआ है. इस कड़ी में अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के दो सहकारी बैंक RBI के निशाने पर आए हैं. सेंट्रल बैंक ने उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Lucknow Urban Co-operative Bank) और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर (Urban Co-operative Bank Limited, Sitapur) के ऊपर शिकंजा कसा है.

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UP के इन दो सहकारी बैंकों पर पाबंदी

सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को दो अलग-अलग स्टेटमेंट (RBI Statement) में बताया कि लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर दोनों की वित्तीय स्थिति खराब हो चुकी है. इसी कारण इन दोनों बैंकों के ऊपर पाबंदियां लगाने का फैसला लेना पड़ा है. रिजर्व बैंक ने इन दो सहकारी बैंकों के ऊपर जो पाबंदियां लगाई हैं, उनमें इनके ग्राहकों के लिए पैसे निकालने पर लिमिट (Withdrawal Limit) लगाना भी शामिल है.

इससे ज्यादा नहीं होगी निकासी

रिजर्व बैंक ने बताया कि दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट (Banking Regulation Act) के तहत पाबंदियां लगाई गई हैं. दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर ये पाबंदियां अगले छह महीने तक लागू रहेंगी. रिजर्व बैंक छह महीने बीत जाने के बाद तय करेगा कि पाबंदियों को हटाया या नरम किया जाना चाहिए अथवा नहीं. स्टेटमेंट के अनुसार, लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अब 30 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे. रिजर्व बैंक ने अलग से एक बयान में बताया कि इसी तरह अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा निकासी नहीं कर सकेंगे.

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इन चीजों पर भी RBI की पाबंदी

स्टेटमेंट के अनुसार, निकासी पर लिमिट के अलावा भी दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर कई पाबंदियां लगाई गई हैं. ये दोनों सहकारी बैंक फिलहाल रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना कर्ज नहीं दे पाएंगे. इसी तरह कोई निवेश करने या फंड जुटाने के लिए भी इन दोनों बैंकों को रिजर्व बैंक से मंजूरी लेने की जरूरत होगी. ये दोनों सहकारी बैंक पाबंदियों के लागू रहने तक ग्राहकों से डिपॉजिट भी नहीं ले पाएंगे. दोनों सहकारी बैंकों को कोई संपत्ति गिरवी रखने या बेचने के लिए भी सेंट्रल बैंक से पहले से मंजूरी लेनी होगी.

 

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