scorecardresearch
 

महंगाई की टेंशन के बीच EMI पर भी राहत नहीं, RBI ने नहीं बदला रेपो रेट

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति कमिटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक का आज यानी शुक्रवार को खत्म हो गई. आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक की रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया.

Advertisement
X
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो: PTI)
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रिजर्व बैंक की MPC की बैठक हुई खत्म
  • जीडीपी ग्रोथ रेट 9.5% रहने का अनुमान
  • हर दो महीने में होती है मौद्रिक समीक्षा

RBI Monetary Policy: देश की मौद्रिक नीति तय करने वाले RBI ने अपने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. मौद्रिक नीति की समीक्षा के लिए 6 अक्टूबर को शुरू हुई मौद्रिक नीति कमिटी (MPC) की बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई.

Advertisement

रेपो-रिवर्स रेपो दरें पहले जैसी

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक समाप्त होने के बाद कमिटी के फैसले की जानकारी देश को दी. उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. ये लगातार 8वीं बार है जब रिजर्व बैंक ने अपने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. इसी के साथ रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को लेकर अपने रुख को लचीला बनाए रखेगा. 

लोगों को उम्मीद थी कि त्यौहारी मौसम में रिजर्व बैंक अपने रेपो रेट में बदलाव करेगा और इसे कुछ कम करेगा, ताकि चढ़ी महंगाई के बीच लोगों का EMI का बोझ कम हो. लेकिन विशेषज्ञों की राय थी कि रेपो रेट पहले से सबसे निचली दरों पर हैं, साथ ही बैंक भी सबसे निचली दरों पर लोन दे रहे हैं. ऐसे में रिजर्व बैंक अपने रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकता है. रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बदलाव नहीं करने से लोगों की EMI कम होने की उम्मीदों को फौरी तौर पर झटका लगा है. रेपो रेट वो ब्याज दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से नकदी उठाते हैं.

Advertisement

महंगाई को दायरे में रखना लक्ष्य

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि MPC ने 5-1 ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया. कोविड से उबर रही अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बनाए रखने और महंगाई को सीमित दायरे में रखने के लक्ष्य से ये फैसला किया गया.

रिजर्व बैंक का अनुमान है कि देश में महंगाई की दर 2021-22 में 5.1% रहेगी. ये उसके पिछले अनुमान 5.7% से कम है. इसी तरह खुदरा मुद्रास्फीति (CPI-Retail Inflation) चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 5.3% रहेगी. 

जबकि जुलाई-सितंबर तिमाही में खुदरा महंगाई के 5.9% की जगह 5.1% पर रहने और अक्टूबर-दिसंबर में 5.3% के बजाय 4.5% पर रहने की उम्मीद है. जनवरी-मार्च में ये 5.8% पर रह सकती है.

9.5% रहेगी जीडीपी ग्रोथ

इसी के साथ रिजर्व बैंक ने देश की जीडीपी ग्रोथ को लेकर अपने अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्रीय बैंक का मत है कि ये 9.5% के स्तर पर बनी रहेगी.

MPC ने जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित करते हुए 7.3% के बजाय 7.9% कर दिया है. वहीं अक्टूबर-दिसंबर में इसके 6.3% के बजाय 6.8% और जनवरी-मार्च में 6.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है. 

इसी के साथ रिजर्व बैंक ने IMPS के माध्यम से होने वाली पेमेट की लिमिट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है.

 

Advertisement
Advertisement