भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद आज यानि शुक्रवार को अपने फैसलों की घोषणा करेगा जिसमें ब्याज दर के बारे में भी फैसला लिया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च मुद्रास्फीति और सुस्त जीडीपी वृद्धि के बीच, RBI रेपो दर को बनाए रखेगा, लेकिन मिश्रित आर्थिक संकेतों को देखते हुए कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में कटौती या ओपेन मार्केट ऑपरेशसं (OMO) जैसे लिक्विडिटी बढ़ाने वाले तरीके पर विचार कर सकते हैं.
रिज़र्व बैंक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर घोषणा करते हुए कहा, "आगामी: 06 दिसंबर, 2024 को सुबह 10:00 बजे RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा मौद्रिक नीति पर बयान दिया जाएगा." रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति पर निर्णय लेने के लिए बुधवार को अपनी बैठक शुरू की थी.
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रेपो रेट में होगा बदलाव?
शक्तिकांत दास अपने मौजूदा कार्यकाल की आखिरी एमपीसी बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं, जो 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2023 से अल्पकालिक उधारी दर यानि रेपो या शॉर्ट टर्म लैंडिग रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है.
सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर 4 प्रतिशत पर बनी रहे, जिसमें दोनों तरफ 2 प्रतिशत का मार्जिन हो. नोमुरा इंडिया के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आज सर्वसम्मति से 25 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट में कटौती की जा सकती है.
अगर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली RBI कमेटी ऐसा करती है, तो रेपो दर घटकर 6.25 प्रतिशत हो जाएगी. अगर ये कटौती होती है तो फिर लंबे समय से पर्सनल लोन, होम लोन और ऑटो लोन की दरें घटने का इंतजार कर रहे लोगों को राहत मिल सकती है.
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