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RBI का ऐलान, जल्द बिना इंटरनेट हो सकेगा डिजिटल पेमेंट, IMPS की लिमिट भी बढ़कर 5 लाख

देश में बहुत जल्द लोग बिना इंटरनेट के भी अपने फोन से डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इसके लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करने जा रहा है. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने तेजी से ऑनलाइन पेमेंट करने वाली व्यवस्था IMPS की लिमिट भी बढ़ा दी है.

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इंटरनेट के बिना हो सकेगा डिजिटल पेमेंट (Representative Photo : Getty)
इंटरनेट के बिना हो सकेगा डिजिटल पेमेंट (Representative Photo : Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट के लिए तैयार होगा फ्रेमवर्क
  • अभी 2 लाख रुपये लिमिट है IMPS की
  • रेपो-रिवर्स रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा रिपोर्ट पेश की. बैंक ने बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन डिजिटल पेमेंट की दुनिया को बदलने का एक बड़ा ऐलान किया है.

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बिना इंटरनेट होगा डिजिटल पेमेंट

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते वक्त कहा कि देश में अब बहुत जल्द बिना इंटरनेट के भी डिजिटल पेमेंट किया जा सकेगा. इसका मकसद सुदूर या इंटरनेट नेटवर्क की पहुंच से दूर इलाकों में लोगों को डिजिटल पेमेंट करने की सुविधा देना है. साथ ही इससे इकोनॉमी को कैशलेस बनाने में मदद मिलेगी.

शक्तिकांत दास ने कहा कि इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था. अब रिजर्व बैंक की योजना ऑफलाइन मोड में रिटेल डिजिटल पेमेंट के लिए एक रूपरेखा बनाने की है.

IMPS की लिमिट बढ़ी

इतना ही नहीं रिजर्व बैंक ने IMPS से होने वाले ऑनलाइन पेमेंट की लिमिट को भी बढ़ा दिया है. पहले IMPS से 2 लाख रुपये तक का ही पेमेंट किया जा सकता था, लेकिन अब इससे 5 लाख रुपये तक का पेमेंट किया जा सकेगा. इससे सबसे ज्यादा फायदा बैंक से रिटेल पेमेंट करने वाले ग्राहकों को होगा.

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नहीं बदला रेपो रेट

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक समीक्षा कमिटी की बैठक (MPC Meet) समाप्त होने के बाद शुक्रवार को रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने का ऐलान किया.  उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. 

ये लगातार 8वीं बार है जब रिजर्व बैंक ने अपनी इन नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया है. इसी के साथ रिजर्व बैंक का कहना है कि वो मौद्रिक नीति (RBI Monetary Policy) को लेकर अपना लचीला रुख बनाए रखेगा. 

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