scorecardresearch
 

RBI MPC Meet: EMI पर राहत का इंतजार कर रहे लोगों को झटका, RBI ने ब्याज दरों पर किया ये फैसला

RBI MPC Meet: इस बैठक में रिजर्व बैंक के ऊपर महंगाई को काबू में करने का दबाव रहा है. महंगाई पिछले तीन-चार महीने से आम लोगों को परेशान कर रही है. इस बारे में ज्यादातर अर्थशास्त्रियों की राय है कि अभी ओमिक्रॉन का खतरा महंगाई के दबाव से अधिक है.

Advertisement
X
रेपो दर नहीं बदली (फाइल फोटो)
रेपो दर नहीं बदली (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरबीआई ने नहीं दी ईएमआई पर राहत
  • 21 साल के निचले स्तर पर है रेपो दर

रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार 10वीं बैठक में नीतिगत दरों (Policy Rates) को स्थिर रखा है. यह बैठक ऐसे समय हुई है जब डेढ़ साल से भी अधिक समय से ब्याज दरों (Interest Rates) के स्थिर रहने के बाद इन्हें बढ़ाने का दबाव था. दूसरी ओर कोरोना के नए ओमिक्रॉन (Omicron) वैरिएंट ने फिर से अर्थव्यवस्था की चुनौतियां बढ़ा दी है.

Advertisement

एमपीसी ने रेपो दर (Repo Rate) को चार फीसदी के दर पर बनाए रखा है. रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) भी 3.35 फीसदी के पुराने स्तर पर बरकरार है. रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए अकोमोडेटिव रुख (Accomodative Stance) अपनाने का निर्णय लिया है.

हालांकि मौजूदा हालात में मार्केट एक्सपर्ट्स को पहले से उम्मीद थी कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास पिछली बार की तरह इस बार भी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करेंगे. यह रिजर्व बैंक की एमपीसी की लगातार 10वीं बैठक है, जिसमें नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. रेपो दर मई 2020 के बाद से ऐतिहासिक निचले स्तर पर है. मई 2020 की बैठक में आरबीआई ने रेपो दर को घटाकर चार फीसदी कर दिया था, जो पिछले 21 सालों का इसका निचला स्तर है.

Advertisement

हालांकि इस बैठक में रिजर्व बैंक के ऊपर महंगाई (Inflation) को काबू में करने का दबाव रहा है. महंगाई पिछले तीन-चार महीने से आम लोगों को परेशान कर रही है. इस बारे में ज्यादातर अर्थशास्त्रियों की राय थी कि अभी ओमिक्रॉन का खतरा महंगाई के दबाव से अधिक है.

 

Advertisement
Advertisement