scorecardresearch
 

अब होम लोन 8% से नीचे केवल सपना, RBI की बैठक की ये 10 बड़ी बातें

आरबीआई ने मई महीने में करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था. करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा है.

Advertisement
X
आरबीआई ने बढ़ाया रेपो रेट
आरबीआई ने बढ़ाया रेपो रेट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चार महीने में तीसरी बार बढ़ा रेपो रेट
  • जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की बैठक आज (शुक्रवार) समाप्त हो गई. बुधवार से शुरू हुई तीन दिनों की MPC की बैठक के खत्म होने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस बार रेपो रेट (Repo Rate Hike) को 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया है. रेपो रेट बढ़ने का असर अब होम लोन से लेकर पर्सनल लोन तक की ईएमआई (EMI) पर दिखेगा.

Advertisement

ईएमआई में होगा इजाफा

रेपो रेट में बढ़ोतरी की वजह से लोगों पर लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा. होम लोन, ऑटो लोन की किस्तों में इजाफा होगा. अगर आपको होम लोन 7.50 फीसदी की दर से मिला है, तो अब यह दर बढ़कर 8 फीसदी हो जाएगी.

चार महीने में तीसरी बार बढ़ोतरी

पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने मई 2022 की बैठक में रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. फिर जून में हुई MPC की बैठक में रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था. बढ़ते रेपो रेट की वजह से अब लोगों के लिए सस्ता लोन लेना सपना होने वाला है. 

कोरोना से पहले के स्तर पर रेपो रेट

आज रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद यह प्री-कोविड लेवल तक पहुंच गया है. इस तरह रेपो रेट अब कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गया है. महामारी आने से पहले रेपो रेट 5.15 फीसदी था. अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है. 

Advertisement

महंगाई से फिलहाल राहत नहीं 

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा है. जून लगातार छठा ऐसा महीना रहा, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के अपर लिमिट से ज्यादा रही. उन्होंने कहा कि अच्छे मॉनसून के कारण आने वाले समय में महंगाई कम हो सकती है. लेकिन इसके बावजूद खुदरा महंगाई दर ऊंची बनी रहेगी.

डॉलर की निकासी

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि फाइनेंशियल ईयर में विदेशी निवेशक 3 अगस्त तक ही 13.3 बिलियन डॉलर की निकासी कर चुके हैं.  गवर्नर दास ने चालू खाता घाटा सस्टेनेबल लिमिट में रहने की उम्मीद जाहिर की. 

जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश की GDP के ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी किया गया है.

भारतीय इकोनॉमी पर दबाव

रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि इस वक्त ग्लोबलाइजेशन और ग्लोबल इकोनॉमी के ऊपर दबाव देखने को मिल रहा है. भारत की अर्थव्यवस्था ग्लोबल इकोनॉमी से अछूती नहीं है.

रुपये की गिरावट

Advertisement

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रुपये में आ रही गिरावट के पीछे की प्रमुख वजह अमेरिकी डॉलर में आ रही मजबूती है. हालांकि, अन्य ग्लोबल करेंसी के मुकाबले तुलनात्मक रूप से रुपये में गिरावट कम है. चार अगस्त तक यह 4.7 प्रतिशत टूटा है. 

विदेशी मुद्रा भंडार

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि भारत में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है. पहली तिमाही में भारत में 1360 करोड़ डॉलर का एफडीआई निवेश आया है. 

करेंट अकाउंट डेफिसिट

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि करेंट अकाउंट डेफिसिट को लेकर चिंता की बात नहीं है. देश के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के आंकड़ों में बदलाव के चलते करेंट अकाउंट डेफिसिट तय लिमिट के भीतर ही रहने की उम्मीद है.
 

 

Advertisement
Advertisement