भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हेल्थ केयर और एजुकेशन के लिए UPI के इस्तेमाल पर बड़ी राहत दी है. RBI ने UPI की पेमेंट लिमिट बढ़ा दी है. हेल्थ केयर और एजुकेशन पेमेंट के लिए UPI ट्रांजेक्शन लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 रुपये कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर कुछ अन्य ट्रांजेक्शन के लिए अभी पेमेंट लिमिट 1 लाख रुपये ही रहेगा.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति की बैठक के दौरान यूपीआई की लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया. RBI ने म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम सब्सक्रिप्शन और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पुनर्भुगतान के लिए ऑनलाइन लेनदेन के लिए की सीमा को 15 हजार रुपये प्रति ट्रांजेक्शन से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति लेनदेन करने का भी प्रस्ताव दिया है. आरबीआई का कहना है कि इससे लोग और ज्यादा UPI का इस्तेमाल करेंगे.
कैसे काम करता है यूपीआई
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत में एक वास्तविक टाइम पेमेंट सिस्टम है, जो स्मार्टफोन का उपयोग करके किसी भी बैंक से दूसरे बैंक में तत्काल लेनदेन की अनुमति देती है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया है और इसने लोगों के पैसों के लेनदेन के तरीके को बदल दिया है. आप रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से किसी भी UPI ऐप की मदद से आईडी बना सकते हैं. एक बार जब UPI ID बन जाती है तो आप आसानी से भुगतान कर सकते हैं.
कभी भी कर सकते हैं यूपीआई से पेमेंट
अगर आप यूपीआई आईडी बना लेते हैं तो किसी भी क्यूआर कोड, मोबाइल नंबर, बैंक नंबर और UPI आईडी पर पेमेंट कर सकते हैं. यूपीआई अद्वितीय सुविधा देता है और आप पीयर टू पीयर भुगतान, बिल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग समेत दिन और रात कभी भी भुगतान कर सकते हैं. यूपीआई के आने से पेमेंट की सुविधा आसान हुई है.
रेपो रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बैठक के दौरान Repo Rate को स्थिर रखने का फैसला लिया है. गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikant Das) ने कहा कि महंगाई दर को लक्ष्य सीमा के तहत लाने के लिए इसे अभी 6.5 फीसदी पर ही स्थिर रखा जा रहा है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए GDP का अनुमान बढ़ाकर 7 फीसदी का दिया है, जो पहले 6.5 फीसदी था.