करीब 4 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से ब्याज दरें बढ़ने (Interest Rate Hike) का दौर लौट आया है. कई साल के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई (Inflation) ने रिजर्व बैंक (RBI) को रेपो रेट बढ़ाने (Repo Rate Hike) पर मजबूर कर दिया है. इसके बाद मई और जून में दो बार रेपो रेट को बढ़ाया जा चुका है. अब रेपो रेट 0.90 फीसदी बढ़कर 4.90 फीसदी हो चुका है. रेपो रेट बढ़ने का असर बैंकों पर भी होने लगा है और वे ब्याज दरें बढ़ाने लग गए हैं. इसका खामियाजा अंतत: उन लोगों को भुगतना है, जो होम लोन या पर्सनल लोन की किस्तें चुका रहे हैं.
पिछले महीने से महंगे होने लगे लोन
कोरोना महामारी के बाद रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने अर्थव्यवस्था (Economy) को रफ्तार देने के लिए लगातार रेपो रेट को कम किया. रेपो रेट कम होने लगा तो बैंकों ने भी ब्याज दरें कम की. इस तरह ब्याज दरें कई दशक के सबसे निचले स्तर पर आ गईं. करीब दो साल तक रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रहा और इस कारण दो साल तक लोगों को सस्ते में कर्ज मिलता रहा. हालांकि महंगाई ने सस्ते कर्ज का दौर समाप्त कर दिया. पहली बार मई में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया था. इसके बाद जून की बैठक के बाद आज बुधवार को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया. आने वाले महीनों में रेपो रेट और बढ़ने के अनुमान हैं.
इतनी बढ़ेगी होम लोन की ईएमआई
अभी तक के हाइक के देखें तो रेपो रेट 0.90 फीसदी बढ़ा है. बैंक भी इसी अनुपात में लोन की ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं. अब मान लीजिए कि आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन (Home Loan) लिया हुआ है और ब्याज दर 7 फीसदी है. अगर रेपो रेट की तर्ज पर आपके बैंक ने भी ब्याज को बढ़ाया तो आपकी ईएमआई (EMI) 23,259 रुपये से बढ़कर 24,907 रुपये हो जाएगी. इसका मतलब हुआ कि आपकी ईएमआई 1,648 रुपये बढ़ जाएगी. यानी लोन के हर एक लाख रुपये के लिए ईएमआई 55 रुपये बढ़ेगी.
कार लोन, पर्सनल लोन पर इतना असर
इसी तरह अगर 7 साल के टेन्योर वाले 8 लाख रुपये के व्हीकल लोन (Vehicle Loan) की बात करें तो यहां भी ईएमआई पर असर पड़ने वाला है. अभी कार लोन (Car Loan) पर औसत ब्याज दर 10 फीसदी के आस-पास है. यह रेपो रेट की तर्ज पर बढ़ने से 10.9 फीसदी हो जाएगी. ऐसा हुआ तो अभी जो ईएमआई 13,281 रुपये प्रति महीने बन रही है, वह बढ़कर 13,656 रुपये हो जाएगी. यानी ईएमआई हर महीने 375 रुपये बढ़ेगी. पर्सनल लोन (Personal Loan) का उदाहरण लें तो 14 फीसदी ब्याज दर पर 5 साल के 5 लाख रुपये के मामले में ईएमआई 11,634 रुपये से बढ़कर 11,869 रुपये हो जाएगी. यानी इस केस में मंथली ईएमआई (Monthly EMI) 235 रुपये बढ़ेगी.
ऐसे कम कर सकते हैं ईएमआई
बढ़ी ईएमआई का बोझ कम करने का एक उपाय लोन का टेन्योर (Loan Tenure) बढ़वाना है. आम तौर पर बैंक भी चाहते हैं कि कस्टमर लोन का टेन्योर बढ़वाए. खासकर होम लोन के मामले में अगर पुराना टेन्योर कम है, तो बैंक उसे बढ़ाने का विकल्प देते हैं. अगर आपका होम लोन 15 साल या 20 साल के लिए है तो बैंक उसे क्रमश: 20 साल व 25 साल के लिए बढ़ा देते हैं. इसका फायदा ये होता है कि मंथली ईएमआई नहीं बढ़ती है.