आने वाले वक्त में जीएसटी काउंसिल जैसी बॉडी का गठन हो सकता है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में सुझाव दिया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक ये बॉडी भूमि, श्रम और बिजली जैसे क्षेत्र में बुनियादी सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगा.
क्या कहा आरबीआई ने
आरबीआई ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में कहा,‘‘भूमि, श्रम और बिजली क्षेत्रों में जीएसटी काउंसिल जैसा शीर्ष निकाय बनाने से ढांचागत सुधार तेज होगा.’’ इससे देशभर में राष्ट्रीय पाइपलाइन, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम सड़क गलियारे और तेज गति वाले रेल गलियारे जैसी राष्ट्रीय महत्व की आधारभूत परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी. यह निवेश को लेकर माहौल और कारोबारी धारणा को बढ़ाने वाला कदम होगा. आरबीआई के मुताबिक एक स्वतंत्र नियामक के जरिए देश में निजी निवेश को गति देने वाला रास्ता भी तैयार होगा.
सरकार को दी ये सलाह
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा है कि सरकार को आने वाले वर्षों में राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर लौटने के लिए स्पष्ट रणनीति और विश्वसनीय लक्ष्य तय करने होंगे. आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 में राजकोषीय घाटे के जो बजट लक्ष्य रखे गए हैं, कोविड-19 की वजह से उन्हें हासिल करना और भी चुनौतीपूर्ण बन गया है.
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रिपोर्ट कहती है कि महामारी पर अंकुश के उपायों, स्वास्थ्य ढांचे के क्षेत्र में राजकोषीय हस्तक्षेप, समाज के कमजोर तबकों को मदद के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के लिए किये गये राहत उपायों की वजह से राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल करना और ज्यादा मुश्किल काम हो गया है.