भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के बोर्ड को सोमवार को भंग कर दिया. RBI ने इसके साथ ही रिजॉल्यूशन प्रोसेस (Resolution Process) शुरू करने के लिए एनसीएलटी (NCLT) का दरवाजा खटखटाने का भी निर्णय लिया है.
इन कारणों से आरबीआई ने उठाया कदम
रिजर्व बैंक ने क्रेडिटर्स को कई मौकों पर कर्ज की किस्तें चुकाने में रिलायंस कैपिटल के डिफॉल्ट कर जाने के बाद यह फैसला किया है. केंद्रीय बैंक ने एक बयान में बताया कि उसे रिलायंस कैपिटल में कॉरपोरेट गवर्नेंस (Corporate Governance) को लेकर भी खामियां मिली थीं. आरबीआई ने कहा कि उसने कंपनी के बोर्ड को हटाकर उसकी सारी शक्तियां अपने हाथों में ले ली है.
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व ईडी बने एडमिनिस्ट्रेटर
RBI ने इसके साथ ही बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank Of Maharashtra) के पूर्व एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर नागेश्वर राव वाई (Nageswar Rao Y) को रिलायंस कैपिटल का एडमिनिस्ट्रेटर बना दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह रिजॉल्यूशन प्रोसेस शुरू करने तथा एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने के लिए एनसीएलटी की मुंबई पीठ के पास जाने वाला है.
रिलायंस कैपिटल के शेयर पर लगा लोअर सर्किट
उल्लेखनीय है कि आरबीआई के इस एक्शन के बाद रिलायंस कैपिटल के शेयर पर लोअर सर्किट (Lower Circuit) लग गया. कंपनी का शेयर एनएसई पर 19.05 रुपये पर बंद हुआ. आरबीआई ने कदम उठाने के साथ में यह भी कहा कि कंपनी का बोर्ड सामने खड़ी समस्याओं को सुलझा पाने में सक्षम नहीं था.
इन दो बैंकों के लोन पर हुआ डिफॉल्ट
अनिल अंबानी की नॉन बैंकिंग कंपनी ने हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और एक्सिस बैंक से लिए गए 624 करोड़ रुपये के लोन पर ब्याज चुकाने में डिफॉल्ट किया था. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दो दिन पहले इस बारे में जानकारी दी थी.