अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर 2 अप्रैल से पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) लगाने का ऐलान किया है. लेकिन भारत को उम्मीद है कि वह इस टैरिफ से बच जाएगा. साथ ही दोनों देशों के बीच चल रहे द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत टैरिफ में कटौती की पेशकश करेगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत की ओर से आयात शुल्क में कटौती की गुंजाइश है और घरेलू इस तरह की कटौती होने के लिए सपोर्ट कर रहा है.
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अभी अमेरिका में हैं और जल्द ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा वाशिंगटन डीसी में हो सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि कई वस्तुओं और उत्पादों पर टैरिफ में कटौती की जा सकती है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ऑटोमोबाइल समेत कई वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती करके कुछ हद तक Reciprocal Tariff के प्रभाव को कम करने की उम्मीद कर रहा है.
अमेरिका से भारत कौन-कौन सी चीजें आती हैं?
अमेरिका से भारत को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख व्यापारिक चीजों की बात करें तो कच्चा तेल, कोयला और इंडस्ट्रीज थिंग्स शामिल हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरेलू कंपनियों को ज्यादा नुकसान पहुंचाए बिना इन वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती की गुंजाइश है.
190 अरब डॉलर का कारोबार
इसके अलावा, द्विपक्षीय व्यापार को बचाने के लिए टैरिफ में कटौती की पेशकश करने की आवश्यकता है क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और सबसे बड़ा निर्यातक है. इन दोनों देशों के बीच कारोबार 190 अरब डॉलर का है और भारत के निर्यात में अमेरिका का हिस्सा लगभग 18 फीसदी है.
टैरिफ के बाद क्या होगा? बढ़ रही चिंता
पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के बाद दोनों देशों ने व्यापार संबंधों को गहरा करने और साल 2030 तक इसे दोगुना करके 500 अरब डॉलर करने का फैसला लिया था. हालांकि उसके बाद ट्रंप ने एक बार फिर ऐलान किया है कि पारस्परिक टैरिफ 2 अप्रैल से लागू होंगे, जिससे भारत में चिंता बढ़ गई है कि इसका निर्यात पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने बताया कि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि यह टैरिफ सिस्टम कैसे काम करेगी और क्या शुल्क देश स्तर के आधार पर या उत्पाद स्तर के आधार पर लगेंगे. उन्होंने कहा, 'एक विकल्प यह है कि अमेरिका द्वारा सभी पर लगभग 5% का शुल्क लगाया जाएगा, क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ अंतर 4.95 है.'
दोनों देशों के बीच इन चीजों को लेकर हो सकती है चर्चा
दोनों देशों के बीच कारोबार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाने के लिए सहाय ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कारोबार डील की बातचीत के हिस्से के तौर पर प्रोडक्ट्स के आधार पर रियायतों पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि संभावना है कि चर्चा के हिस्से के रूप में दोनों देश उन उत्पादों की सूची के साथ बैठेंगे जिन पर वे रियायतें चाहते हैं.
इन चीजों पर मिल सकती है टैरिफ छूट
जिन प्रमुख वस्तुओं पर अमेरिका शुल्क में कटौती की मांग कर सकता है, उनमें ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, चिकित्सा और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं. इसी तरह भारत ऑटो और ऑटो कंपोनेंट, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल और फुटवियर समेत वस्तुओं पर टैरिफ में छूट की मांग कर सकता है.