इनकम टैक्स के नए बिल में कई बदलाव हुए हैं. इसी में से एक नियम इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को लेकर है. जिसे लेकर खूब चर्चा हो रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि ITR तय समयसीमा के बाद भरा तो रिफंड नहीं दिया जाएगा. जबकि पुराने वाले कानून 1961 के तहत ऐसा कोई भी नियम नहीं है.
इस बदलाव का ये मतलब होगा कि टैक्सपेयर्स Tax ईयर में 31 दिसंबर की मौजूदा लास्ट डेट के बजाय तय डेट के बाद अपना रिटर्न दाखिल करते हैं तो उन्हें रिफंड नहीं मिलेगा. सोशल मीडिया पर एक्सपर्ट्स से लेकर अन्य लोग भी इसे लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं. उनका कहना है कि नए इनकम टैक्स बिल के तहत देर से रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए रिफंड नहीं मिलेगा. यह नियम वित्तीय वर्ष 2026-27 में लागू होगा. हालांकि अब इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने इन सभी अटकलों का जवाब दिया है.
ऑनलाइन टैक्स गाइड टैक्स गुरु ने एक्स पर पोस्ट किया कि आयकर अधिनियम, 1961 के तहत देर से इनकम टैक्स रिटर्न भरने देर से भरने पर भी रिफंड जारी किया जाता था. हालांकि आयकर विधेयक, 2025 में एक नया नियम आया है, जिसके तहत रिटर्न देर से दाखिल किया जाता है तो कोई रिफंड नहीं मिलेगा.
नहीं हुआ कोई बदलाव
इस पर जवाब देते हुए आयकर विभाग ने क्लियर किया है कि रिफंड प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आयकर विभाग ने कहा है कि आयकर अधिनियम, 1961 के अध्याय XIX के तहत रिफंड चाहने वाले व्यक्तियों को धारा 239 के तहत आयकर रिटर्न जमा करना आवश्यक है. यह आवश्यकता विधेयक की धारा 263(1)(ix) में शामिल की जाएगी.
क्या आयकर रिटर्न दाखिल करने का डेट बदला है?
नहीं, हर कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पहले की तरह ही इनकम टैक्स रिटर्न तय समयसीमा के दौरान भरा जा सकता है. साथ ही अगर आप पेनल्टी के साथ ही आईटीआर भरते हैं तो भी रिफंड जारी किया जाएगा. नए इनकम टैक्स बिल में बड़ा बदलाव सभी ईयर को खत्म करके 'टैक्स ईयर' किया गया है.
क्या विलंबित, संशोधित और अपडेट रिटर्न में कुछ बदलाव हुआ है?
विलंबित, संशोधित और अपडेट रिटर्न के प्रावधानों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और वे आयकर अधिनियम, 1961 (वित्त अधिनियम, 2025 के माध्यम से प्रस्तावित संशोधनों सहित) के अनुसार ही भर सकते हैं.