कर्ज के बोझ से दबे अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल लि. (आरसीएल) ने अपनी सब्सिडरी में हिस्सेदारी बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं. इन सब्सिडरी में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस शामिल हैं. आपको बता दें कि कंपनी करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज उतारने के लिए सब्सिडरी में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है.
ईओआई मांगने की प्रक्रिया 31 अक्टूबर से शुरू
न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने बताया कि रिलायंस कैपिटल ने सब्सिडरी कंपनियों रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस फाइनेंशियल लि. और रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रशन में समूची या आंशिक हिस्सेदारी की बिक्री के लिए रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया है. ईओआई मांगने की प्रक्रिया 31 अक्टूबर, 2020 को शुरू की गई. इसका मकसद आरसीएल को कर्जमुक्त बनाना है. मौद्रिकरण की प्रक्रिया कमेटी ऑफ डिबेंचर होल्डर्स तथा डिबेंचर ट्रस्टी विस्ट्रा आईटीसीएल इंडिया लिमिटेड के तहत होगी.
सूत्रों ने बताया कि रिलायंस कैपिटल ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. से बाहर निकलने का प्रस्ताव किया है. रिलायंस जनरल इंश्योरेंस की चुकता पूंजी 30 सितंबर, 2020 तक 252 करोड़ रुपये थी. इसके अलावा कंपनी का इरादा रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में भी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का है. रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस जापान की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी निप्पन के साथ संयुक्त उद्यम है. इसकी चुकता पूंजी 30 सितंबर तक 1,196 करोड़ रुपये थी.
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इसके साथ ही रिलायंस कैपिटल की योजना अपनी ब्रोकिंग इकाई रिलायंस सिक्योरिटीज और रिजर्व बैंक के पास पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी रिलायंस फाइनेंशियल लि. में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की है. इसके अलावा कंपनी रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस तथा अन्य पीई निवेश नाफा इनोवेशंस प्राइवेट लि. और पेटीएम ई-कॉमर्स प्राइवेट लि. से भी बाहर निकलने की तैयारी कर रही है. आरसीएल ने रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन लि.में भी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है. इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज में कंपनी की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी इसकी भी बिक्री करने जा रही है.