कपड़ा और धागे बनाने वाली दिवालिया कंपनी (Garment and Yarn Company) सिन्टेक्स (Sintex Industries Limited) को खरीदने की दौड़ में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) भी शामिल हो गई है. रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने एसेट्स केयर एंड रीकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Assets Care And Reconstruction Enterprises Ltd) के साथ मिलकर सिन्टेक्स को खरीदने के लिए बोली लगाई है.
इन कंपनियों ने सिन्टेक्स के लिए लगाई बोलियां
शेयर बाजारों को दी गई जानकारी के अनुसार, सिन्टेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड को खरीदने के लिए चार बोलियां मिली हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा वेलस्पन ग्रुप (Welspun Group) की ईजीगो टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड (EasyGo Textiles Pvt Ltd), जीएचसीएल लिमिटेड (GHCL Ltd) और हिम्मतसिंगका वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (Himatsingka Ventures Private Limited) ने भी सिन्टेक्स के लिए बोलियां लगाई हैं.
इन बैंकों का 7,534 करोड़ बकाया
एनसीएलटी की अहमदाबाद बेंच (NCLT Ahmedabad Bench) ने इन्वेस्को एसेट मैनेजमेंट (Invesco Asset Management) की याचिका पर सिन्टेक्स का इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस (Insolvency Process) इस साल अप्रैल में शुरू किया था. सिन्टेक्स के ऊपर अभी तक 27 बैंक व वित्तीय संस्थान 7,534.6 करोड़ रुपये के बकाये का दावा कर चुके हैं.
इनमें एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), एक्सिस बैंक (Axis Bank), आरबीएल (RBL), आदित्य बिड़ला फाइनेंस (Aditya Birla Finance), इंडसइंड बैंक (Indusind Bank), एलआईसी (LIC), एसबीआई (SBI), पीएनबी (PNB), पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sindh Bank) और कर्नाटका बैंक (Karnataka Bank) शामिल हैं.
CoC करेगी अंतिम निर्णय
सिन्टेक्स के लिए मिली सभी बोलियों को अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) के सामने रखा जाएगा. आईआरपी के मूल्यांकन के बाद बोलियां कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) के पास पेश की जाएंगी. कमिटी इस बारे में अंतिम निर्णय लेगी कि कौन सी बोली स्वीकार की जाएगी. अभी इस बात की जानकारी नहीं लग पाई है कि विभिन्न पार्टियों की बोलियों में क्या ऑफर दिए गए हैं.
साल 2017 में Sintex Plastics Technology को Sintex Industries से अलग किया गया था. Sintex Plastics Technology वाटर स्टोरेज टैंक बनाती है.