केंद्र सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ऑफिस अटेंडेस नियमों में कई बदलाव किए हैं. कई तरह के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) की सुविधा भी दी गई है.
केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को जारी एक संशोधित सर्कुलर में कहा गया है कि दिव्यांगों और गर्भवती महिला कर्मचारियों को ऑफिस आने की जरूरत नहीं होगी और वे वर्क फ्रॉम होम सुविधा का लाभ उठा सकेंगी.
ऑर्डर में क्या कहा गया
संशोधित नियमों में कहा गया है कि दफ्तरों और अन्य जगहों पर कोविड पॉजिटिव मामलों को देखते हुए सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिवों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने कर्मचारियों के अटेन्डेंस को रेगुलेट करें.
सर्कुलर में कहा गया है कि केंद्र सरकार के सभी विभागों में काम के घंटों में कटौती की जारी रहेगी और अंडर सेक्रेटरी एवं उससे नीचे के कर्मचारियों की 50 फीसदी ही उपस्थिति रखनी होगी ताकि दफ्तरों में भीड़ न हो. यह नियम 31 मई तक तक जारी रहेगा.
वर्क फ्रॉम होम की इजाजत
ऑर्डर में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के अधिकारियों, कर्मचारियों को तब तक वर्क फ्रॉम होम की इजाजत है जब तक उनका यह जोन डीनोटिफाइड नहीं हो जाता यानी सामान्य घोषित नहीं हो जाता. आदेश में कहा गया है, 'कंटेनमेंट जोन में रहने वाले अधिकारी और कर्मचारी घर से काम कर सकते हैं और उन्हें हर समय फोन या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से संपर्क में रहना होगा.'
गौरतलब है कि देश में कोरोना संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. कई राज्यों में पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया गया है. लेकिन आवश्यक सेवाएं माने जाने की वजह से सरकारी कर्मचारियों को लगातार दफ्तर आना पड़ रहा है. हालांकि 50 फीसदी अटेन्डेंस और वर्क फ्रॉम होम जैसी ऐसी सुविधाएं देकर सरकार कर्मचारियों की मुश्किल को कम करने की कोशिश कर रही है.